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निकाय चुनाव: उम्मीदवारों को देनी होगी अपराधिक जानकारी, इन नए नियमों को जानना भी जरूरी

हरियाणा में निकाय चुनाव (haryana Municipal elections) को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. हरियाणा राज्य चुनाव आयोग (Haryana State Election Commission) ने कहा है कि उम्मीदवारों को अपराधिक जानकारी भी देनी होगी.

Municipal Election Haryana
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Published : Aug 23, 2021, 9:58 AM IST

Updated : Aug 23, 2021, 11:27 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा राज्य चुनाव आयोग (Haryana State Election Commission) ने नगरपालिका के लिए चुनाव की (haryana Municipal elections) अधिसूचना जारी की है. इसके तहत रेवाड़ी के धारूहेड़ा नगरपालिका अध्यक्ष और महेन्द्रगढ़ के अटेली मंडी के पांच वार्डों 3, 4, 7, 8 व 9 के पार्षदों के चुनाव होंगे. हरियाणा राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के मद्देनजर नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी देना करना जरूरी है.

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार ने हरियाणा नगर निगम चुनाव नियम 1994 और हरियाणा नगर चुनाव नियम 1978 के फॉर्म 1-सी में संशोधन किया है. उन्होंने बताया कि नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका का चुनाव (Body Elections Haryana) लड़ने वाले उम्मीदवारों को नामांकन भरते समय फॉर्म 1-सी में अपने आपराधिक विवरण की जानकारी (Body Election Candidate Criminal Details) देनी होगी. इसके अलावा, यदि उम्मीदवार किसी विशेष पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है तो उसे अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के बारे में पार्टी को सूचित करना आवश्यक है.

संबंधित राजनीतिक दल को भी उक्त जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालनी होगी. उम्मीदवार के आपराधिक विवरण के बारे में पार्टी को क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रसारित समाचार पत्रों में एक बयान जारी करना है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में व्यापक प्रचार करने की आवश्यकता है. राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि हरियाणा के राज्य चुनाव आयोग ने 17 अगस्त, 2021 को राजनीतिक दलों तथा ऐसे नगर निगम महापौर और नगर परिषद/पालिका में अध्यक्ष और सदस्य का चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए निर्देश जारी किए हैं. जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं या लंबित हैं या ऐसे मामले जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया है.

उन्होंने बताया कि इन निर्देशों के अनुसार जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं या जिनमें उम्मीदवार को दोषी ठहराया गया है, वे ऐसे मामलों के बारे में उनके नगरपालिका क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रसारित दो समाचार पत्रों (कम से कम एक हिंदी और एक अंग्रेजी) में घोषणा प्रकाशित करेंगे. उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि के अगले दिन से और मतदान की तारीख से दो दिन पहले तक कम से कम तीन अलग-अलग तारीखों पर घोषणा को प्रकाशित किया जाना आवश्यक है.

साथ ही, आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को भी उपरोक्त घोषणा को स्थानीय टीवी चैनलों या केबल नेटवर्क (यदि स्थानीय रूप से उपलब्ध हो) पर तीन अलग-अलग तिथियों पर प्रकाशित करना आवश्यक है. धनपत सिंह ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के इन निर्देशों के अनुसार उम्मीदवार चुनाव खर्च के खाते के साथ उन समाचार पत्रों की प्रतियां उपायुक्त या राज्य चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे जिनमें इस संबंध में उनकी घोषणा प्रकाशित की गई थी.

उन्होंने राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी मैदान में उतारे गए आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के मामले में जानकारी देते हुए बताया कि चाहे मान्यता प्राप्त दल हों या पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दल, ऐसे उम्मीदवारों को संबंधित रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष घोषित करना आवश्यक है कि उन्होंने अपने राजनीतिक दल को उनके खिलाफ आपराधिक मामलों के बारे में सूचित कर दिया है.

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बता दें कि निकाय चुनावों के नामांकन कि अंतिम तारीख 27 अगस्त है. नामांकनों की छंटनी 3 सितंबर को और नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 4 सिंतबर को है. आयोग के मुताबिक इसी दिन ही उम्मीदवारों को उनका चुनाव चिह्न भी आवंटित किया जाएगा. वहीं चुनाव की तारीख 12 सितंबर तय की गई है. चुनाव के दिन इसका समय सुबह 8 बजे से दोपहर 4:30 बजे तक रखा गया है. हालांकि चुनाव आयोग ने चुनाव परिणामों की तिथि निर्धारित नहीं की है. इसका निर्णय मतदान खत्म होने के बाद लिया जाएगा.

Last Updated : Aug 23, 2021, 11:27 AM IST

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