चंडीगढ़:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सीएम मनोहर लाल ने पानीपत में एक हजार एकड़ में 'बल्क ड्रग्स पार्क' स्थापित करने की बात कही है. पानीपत में बल्क ड्रग पार्क स्थापित होने से देश में थोक दवाओं के निर्माण लागत और थोक दवाओं के लिए अन्य देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी.
इसकी जानकारी सीएम ने एक वर्चूअल सीआईआई फार्मास्कोप के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए दी. इस वर्चुअल सीआईआई फार्मास्कोप की 'थीम मेड इन इंडिया, मेड फॉर वर्ल्ड की दिशा में एक कदम' थी. इस वेबिनार में 15 शीर्ष कंपनियों के लगभग 325 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और भारत को वैश्विक फार्मास्युटिकल लीडर बनाने के लिए जरूरी रणनीतियों पर विचार विमर्श किया.
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पानीपत में स्थापित किया जाएगा बल्क ड्रग्स पार्क
इस मौके पर सीएम ने कहा कि राज्य में प्रस्तावित बल्क ड्रग्स पार्क से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर करनाल में 225 एकड़ भूमि पर एक ‘मेडिकल डिवाइस पार्क’ स्थापित करने की भी योजना है. उन्होंने कहा कि आज भारत अन्य देशों को पीपीई किट, हैंड सैनिटाइजर, दस्ताने, एन -95 मास्क और 3-प्लाई मास्क भी निर्यात कर रहा है.
पानीपत में बल्क ड्रग पार्क तो करनाल में मेडिकल डिवाइस पार्क का होगा स्थापित. पड़ोसी राज्यों में भी हो सकेगी आपूर्ति
इस वेबिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पानीपत में एक हजार एकड़ में‘बल्क ड्रग्स पार्क’ विकसित किया जाना प्रस्तावित है, जिसका विस्तार 1700 एकड़ भूमि में किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पानीपत की नई दिल्ली से निकटता एक अतिरिक्त लाभ भी है और पानीपत के केंद्रित होने से पड़ोसी राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी मात्रा में दवाओं के निर्माण के लिए कच्ची सामग्री की आपूर्ति हो सकेगी.
निवेशकों की सुविधा का रखा जाएगा ख्याल
उन्होंने कहा कि हरियाणा में 150 से अधिक फार्मेसी कॉलेज, संस्थान और विश्वविद्यालय हैं. जिनके पास बल्क ड्रग पार्क की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कुशल मैनपावर की पर्याप्त उपलब्धता है. देश में फार्मास्युटिकल उत्पादों के उत्पादन में राज्य का 45 प्रतिशत हिस्सा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पानीपत पार्क में किए जाने वाले उत्पादन का 50 प्रतिशत उत्तर भारत में ही इस्तेमाल किया जा सकता है. जिसके परिणामस्वरूप परिवहन लागत और समय की बचत होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भावी निवेशकों को आऊटराइट सेल मॉडल और लीजहोल्ड मॉडल दोनों पर जमीन दे सकती है .
औद्योगिक इकाइयों पर अधिकतम सब्सिडी देगी सरकार
सीएम ने कंपनी के प्रतिनिधियों को ये भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन लोगों को नीति के अनुसार अधिकतम प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करेगी. जो पार्क में अपनी इकाइयां स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा कि पानीपत में एक औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) भी विकसित किया जाना प्रस्तावित है. जिसमें सामान्य गोदामों सहित फार्मास्युटिकल उद्योगों के लिए आवश्यक विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा शामिल होगा.
युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने देश और राज्य की विकास गाथा में औद्योगिक क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि उद्योग न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करते हैं, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करते हैं. पानीपत में इस पार्क की स्थापना के साथ, हरियाणा न केवल देश में दवाओं की मांग को पूरा करने में सक्षम होगा, बल्कि अन्य देशों को भी निर्यात करेगा. जिससे इस क्षेत्र में भारत दुनिया में एक अग्रणी देश बनने में अग्रसर होगा.
निवेशकों के लिए अनुकूल है माहौल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य में निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार की है. हरियाणा न केवल भारत बल्कि विदेशी निवेशकों के लिए भी एक पसंदीदा स्थान बन गया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की सीमा तीन तरफ से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगती है. इसके अलावा, आज 15 राष्ट्रीय राजमार्ग हरियाणा से होकर गुजरते हैं. जिनमें से चार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से गुजरते हैं.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में तीसरा स्थान
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम और फरीदाबाद राज्य के प्रमुख औद्योगिक जिले हैं. जिनके पास राष्ट्रीय राजमार्गों के नजदीक मजबूत विनिर्माण क्लस्टर हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली और चंडीगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के अलावा, राज्य सरकार हिसार में घरेलू और कार्गो हवाई अड्डा विकसित कर रही है. जिस पर काम तेज गति से चल रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा ने देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में जबरदस्त प्रगति की है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हरियाणा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में देश में तीसरे नंबर पर है और सभी उत्तरी राज्यों में पहले स्थान पर है. इसके अलावा, हरियाणा में 2.6 लाख रुपये से अधिक की प्रति व्यक्ति सलाना आय है. जो भारत के बड़े राज्यों में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि राज्य की जीडीपी सालाना 7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है जो राष्ट्रीय विकास दर से अधिक है.
कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश और दुनिया के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है लेकिन हमने इसे एक अवसर के रूप में लिया है. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
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