चंडीगढ़: हरियाणा के निकाय चुनाव में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को किसान आंदोलन का बुरी तरह से नुकसान उठाना पड़ा है. 7 में से 5 जगह बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के उम्मीदवार हारे. सिर्फ पंचकूला में बीजेपी अपना मेयर और रेवाड़ी में चेयरपर्सन बना पाई.
अंबाला में तो हरियाणा जनचेतना पार्टी ने सभी को चौंका दिया और मेयर पद की सीट पर कब्जा कर लिया. अंबाला में दूसरे स्थान पर बीजेपी रही और कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस चौथे स्थान पर खिसक गई.
अंबाला में कांग्रेस को मिली इस करारी हार से बड़ा झटका लगा है क्योंकि अंबाला से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा सांसद रह चुकी हैं और चुनाव के समय कुमारी सैलजा ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन उसके बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
बता दें कि अंबाला में कुल 20 पार्षदों में से बीजेपी के 8 पार्षद, जनचेतना पार्टी के 7 पार्षद और कांग्रेस के 3 पार्षद और हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के 2 पार्षद जीते हैं. वहीं पंचकूला में चुनावी नतीजों की बात की जाए तो यहां कुल 20 पार्षदों में से 9 बीजेपी और 2 जेजेपी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है, जबकि 7 कांग्रेस और 2 निर्दलीय विधायक विजयी रहे.
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सोनीपत में चुनावों के नतीजों की बात की जाए तो यहां कुल 20 पार्षदों में से 10 बीजेपी, 9 कांग्रेस और 1 निर्दलीय विधायक विजयी रहे हैं. तीनों नगर निगम के नतीजों की बात करें तो कुल 60 सीटों में से 30 बीजेपी के खाते में आई है, 18 कांग्रेस और 12 निर्दलीयों के खाते में आई हैं.