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किसान आंदोलन के बीच चंडीगढ़ में बजा चुनावी बिगुल, जानिए क्या होगा बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक

चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव-2021 (Chandigarh Municipal Corporation Election 2021) को लेकर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष अरुण सूद से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने निगम चुनाव में पार्टी की रणनीति क्या होगी इसको लेकर खुलकर बातचीत की.

Chandigarh Bjp
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Published : Nov 23, 2021, 9:44 PM IST

चंडीगढ़: किसान आंदोलन के बीच एक बार फिर से चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चंडीगढ़ में नगर निगम के चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चंडीगढ़ में 24 दिसंबर को चुनाव (Chandigarh Municipal Corporation Election 2021) होंगे. इसको लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. जल्द ही सभी पार्टियां अपने उम्मीदवार भी घोषित करेंगी. नगर निगम के चुनाव को लेकर हमने चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष अरुण सूद से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने निगम चुनाव को लेकर बीजेपी की रणनीति क्या होगी इसको लेकर खुलकर बातचीत की.

चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अरूण सूद ने बताया कि इन चुनावों में विपक्षी दलों को हार की चिंता सता रही है. इसलिए वे चुनाव को टालना चाहते थे. चुनाव को टालने के लिए इस ग्रुप की ओर से अदालत में तरह-तरह की बातें उठाकर याचिकाएं भी लगाई गई. हालांकि उन सभी को इसका कोई फायदा नहीं हुआ. कोर्ट की ओर से सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया गया. अब चुनाव होने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जहां तक भाजपा की तैयारियों की बात है तो भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा विकास के नाम पर लोगों से वोट मांगेगी.

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उन्होंने कहा कि हमने एक बुकलेट तैयार की है. इसमें पिछले 6 सालों में भाजपा द्वारा किए गए विकास कार्यों का पूरा ब्यौरा होगा. उस बुकलेट में न केवल ब्यौरा होगा बल्कि विकास कार्यों की फोटो भी दिखाई जाएगी. इसके अलावा यह भी बताया जाएगा कि इन विकास कार्यों से शहर को कितना फायदा हुआ. इन विकास कार्यों पर कितना खर्च किया गया. तब लोग खुद ही यह फैसला करेंगे कि पिछले 6 सालों में कितना विकास हुआ है. कांग्रेस के पिछले 14 सालों में कितना विकास हुआ था. यह निर्णय जनता का होगा.

स्वच्छता सर्वेक्षण में चंडीगढ़ का पिछड़ना एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है. इसके बारे में बात करते हुए अरुण सूद ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में कई पहलुओं को देखा जाता है. चंडीगढ़ हर पहलू में आगे रहा, लेकिन डंपिंग ग्राउंड की वजह से चंडीगढ़ पिछड़ गया. यह डंपिंग ग्राउंड कांग्रेस की देन है जो शहर के लिए एक अभिशाप बन गया है. उन्होंने कहा कि डंपिंग ग्राउंड को हटाने के लिए जब ग्लोबल टेंडर जारी किए गए थे. इसमें 16 कंपनियां आगे आई थी. तब तत्कालीन सांसद और कांग्रेस नेता पवन बंसल ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए जानबूझकर यह टेंडर सीमेंट बनाने वाली कंपनी जेपी को दे दिया. जेपी कंपनी के गार्बेज प्लांट ने प्रतिदिन उतने कचरे का निष्पादन नहीं किया जितना उसे करना चाहिए था. इसी वजह से कचरे का ढेर लग गया है. अब भाजपा के नगर निगम में आने के बाद हमने उस प्लांट को अपने कब्जे में लिया. भाजपा एक नया प्लांट लगाने जा रही है जो 1 साल में तैयार हो जाएगा. इसके बाद डंपिंग ग्राउंड का सफाया कर दिया जाएगा.

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चंडीगढ़ भाजपा के कई स्टार प्रचारक भी नगर निगम चुनाव का प्रचार करने के लिए पहुंचेंगे. इस पर कांग्रेस भी लगातार हमला बोल रही है. इसके बारे में बात करते हुए अरुण सूद ने कहा कि जो कांग्रेस आज भाजपा पर बड़े नेताओं को बुलाने का आरोप लगा रही है. वह खुद बताए क्या अलग-अलग राज्यों में होने वाले अलग-अलग चुनावों में राहुल गांधी चुनाव प्रचार करने नहीं जाते. चंडीगढ़ में उनके एक नेता अभी से ही प्रचार के लिए पहुंच चुके हैं तो फिर कांग्रेस भाजपा पर आरोप कैसे लगा सकती है. किसी भी पार्टी के नेता अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे ही यह स्वभाविक सी बात है. इसमें आरोप लगाना विपक्षी दलों की मानसिकता को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि इससे पहले अकाली दल भाजपा के साथ ही चुनाव लड़ता था. अरुण सूद ने कहा कि ऐसा कहा जाता है चुनाव में जितनी ज्यादा पार्टियां हिस्सा लेती हैं उससे सत्ताधारी पार्टी को ही ज्यादा फायदा होता है. चुनाव लड़ने का सभी को अधिकार है और सभी चुनाव लड़ सकते हैं. चंडीगढ़ भाजपा सिर्फ विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी और सभी 35 सीटों पर जीत दर्ज करेगी.

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बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम के लिए 24 दिसंबर को चुनाव होना है. इसके लिए इलेक्शन कमीशन की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. अधिसूचना के अनुसार निकाय चुनावों के लिए नामांकन 27 से शुरू होकर 4 दिसंबर तक होंगे. 9 दिसंबर को नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. 24 दिसंबर को मतदान होगा जो सुबह 7:30 बजे से शाम को 5:00 बजे तक होगा. चुनाव से 72 घंटे पहले प्रचार बंद हो जाएगा. 27 दिसंबर को नगर निगम के लिए वोटों की काउंटिंग होगी. नगर निगम के चुनाव में इस बार कुल मतदाता 6 लाख 30 हजार से अधिक हैं. जिनमें 3 लाख 30 हजार से अधिक पुरुष मतदाता और 2 लाख 99 हजार से अधिक महिला मतदाता हैं. इसके अलावा थर्ड जेंडर वोटर्स 17 हैं.

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