चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है. क्या सत्ताधारी दल और क्या विपक्षी दल सभी लोकसभा चुनाव के लिए जनता के दरबार में दस्तक देना शुरू कर चुके हैं. बीजेपी, कांग्रेस, जेजेपी, इनेलो और आप सभी पार्टियां 2024 के चुनावी दंगल के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं.
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हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर सबसे अधिक चर्चा: इस सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा हरियाणा की सियासत में बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन को लेकर हो रही है. 2019 में विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन हुआ था. बीजेपी मात्र 6 सीटों से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने से चूक गई थी, जिसके बाद बीजेपी ने 10 सीटों वाली जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी.
लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी-जेजेपी की अलग-अलग तैयारी: अब चर्चा इस बात की है कि क्या यह गठबंधन लोकसभा चुनाव 2024 में एक साथ मैदान में उतरेगा या नहीं. हालांकि इसका फैसला तो बीजेपी और जेजेपी के हाईकमान को करना है, लेकिन फिर भी इसको लेकर सियासी चर्चा हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में लगातार हो रही है. चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में क्या बीजेपी आने वाले लोकसभा चुनाव में गठबंधन के साथ मैदान में उतरना चाहेगी या नहीं?
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सिरसा से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया चुनावी शंखनाद: इस सबके बीच हरियाणा में बीजेपी ने केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए अपना शंखनाद कर दिया है. बीजेपी सभी 10 लोकसभा सीटों पर रैलियां कर रही है. जिसमें पार्टी के केंद्रीय नेता शिरकत कर रहे हैं. इस सबके बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सिरसा में रैली में कर चुके हैं कि पार्टी का लक्ष्य फिर से 10 के 10 सीटों पर बीजेपी का परचम लहराना है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या बीजेपी लोकसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी या नहीं?
लोकसभा चुनाव के लिए जननायक जनता पार्टी ने शुरू की तैयारी: वहीं, दूसरी ओर जननायक जनता पार्टी ने भी लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. इसके लिए पार्टी के तमाम नेताओं ने अपनी कमर कसते हुए जमीनी स्तर पर चुनावी अभियान भी शुरू कर दिए हैं. पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला के मुताबिक 2 जुलाई से प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर विशाल रैली आयोजन किया जाएगा. 2 जुलाई को जींद के जुलाना में जेजेपी पहली रैली करेगी. इस तरह की दो रैलियां पार्टी एक महीने में आयोजित करेगी. यानी बीजेपी ने भी 10 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है, तो जेजेपी ने भी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है.
क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ?: यही वजह है कि चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है और बात बीजेपी और जेजेपी को लेकर सियासी गलियारों में ज्यादा हो रही है. सवाल यह है कि क्या दोनों दल गठबंधन में लोकसभा चुनाव में उतरेंगे या फिर अलग-अलग? इस बात को लेकर सियासी मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि बीजेपी के लिए हरियाणा में गठबंधन के साथ लोकसभा चुनाव में उतरना पहली नजर में तो आसान नहीं लगता है. क्योंकि पार्टी ने पिछले चुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
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लोकसभा चुनाव में क्या नहीं होगा गठबंधन?: प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि अगर केंद्रीय नेतृत्व एनडीए के कुनबे को बड़ा करना चाहता है और अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने के लिए मन बना चुका है तो फिर उन हालातों में हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन हो सकता है. वे कहते हैं कि यह केंद्रीय नेतृत्व की दूरदर्शिता पर निर्भर करता है कि वह चुनाव से पहले इसको लेकर क्या फैसला लेता है और कितनी सीटों पर जेजेपी को मैदान में उतारने के लिए तैयार होता है. हालांकि अभी वर्तमान के हालातों को देखते हुए इस संबंध में कुछ भी कह पाना मुश्किल है.
सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में BJP-JJP: दोनों पार्टियां अभी अलग-अलग लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. इसे देखते हुए लग रहा है कि दोनों अलग-अलग चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं. इस बात पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद हुआ था. 2024 के लोकसभा चुनाव में यह दोनों एक साथ उतरेंगे इसका फैसला तो केंद्रीय नेतृत्व को ही करना है इसलिए अभी उसके लिए हमें कुछ और इंतजार करना पड़ेगा. वे कहते हैं कि जहां तक बात दोनों दलों की लोकसभा की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारियों की है तो उससे यह कहना कि यह दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे जल्दबाजी होगी. वे कहते हैं कि सभी राजनीतिक दल चुनाव के लिए अपनी अपनी तैयारियां करते हैं. दोनों दल भी उसी तरह से अभी अपनी तैयारियां कर रहे हैं.
2019 में बीजेपी ने रचा था इतिहास: प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं अगर 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो साफ दिखाई देता है कि उस वक्त बीजेपी ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज का इतिहास रचा था. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के अलावा उसी दौर में हरियाणा में बनी नई पार्टी जननायक जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इसके साथ ही चुनावी मैदान में उस वक्त इंडियन नेशनल लोकदल और बहुजन समाज पार्टी भी थी.
ये हैं 2019 लोकसभा चुनाव के आंकड़े: 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इतिहास रचते हुए न सिर्फ सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की, बल्कि उसका वोट प्रतिशत भी 58.21 था. जबकि, कांग्रेस पार्टी को 28.51 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं, इस वक्त की नई पार्टी रही जेजेपी को 4.9 प्रतिशत, बहुजन समाज पार्टी को 3.65 प्रतिशत, इंडियन नेशनल लोकदल को 1.9 प्रतिशत, निर्दलीय 1.07 प्रतिशत और नोटा को 0.33 वोट मिले थे.
2019 में चुनावी मैदान में उतरी थी जननायक जनता पार्टी: वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में मिलकर मैदान में उतरी जननायक जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में जेजेपी 7 और आम आदमी पार्टी 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इस चुनाव में सिर्फ दुष्यंत चौटाला ही अपनी जमानत बचाने में कामयाब हुए थे. बाकी सभी उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी. दुष्यंत को लगभग 24.5% से अधिक वोट मिले थे.
2019 में बीजेपी को सभी 10 सीटों पर मिली जीत: 2019 में जब हरियाणा विधानसभा चुनाव हुए तो नतीजे भी हैरान करने वाले थे. इस चुनाव में लोकसभा की सभी 10 सीटें जीतने वाली बीजेपी को 90 सीटों में से 40 सीटों पर विजय मिली. हालांकि वर्तमान में बीजेपी की 41 सीटें हैं. जबकि वर्तमान में बीजेपी की सहयोगी जेजेपी को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं, कांग्रेस पार्टी 31 सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई थी, जिसकी वर्तमान में सीटें 30 है. जबकि सात निर्दलीय, एक इनेलो और एक हरियाणा लोकहित पार्टी के खाते में है.
2019 में राजनीतिक पार्टियों के वोट प्रतिशत: वहीं, बीजेपी के 2019 के विधानसभा चुनाव के वोट प्रतिशत की बात की जाए तो साल 2019 के चुनाव में 2014 के मुकाबले उसके वोट प्रतिशत में 3 फीसदी वृद्धि हुई थी. बीजेपी को 36.5% वोट मिले थे. कांग्रेस पार्टी को भी 2014 के मुकाबले 2019 में 8 फीसदी से अधिक वोट मिले थे. 2019 में कांग्रेस पार्टी को 28.3% वोट मिले. वहीं, 2019 के चुनाव में इनेलो से टूटकर बनी जननायक जनता पार्टी ने लोकसभा चुनावों से अलग प्रदर्शन करते हुए दिखाई दी, उसने दस विधानसभा सीट जीती और 27.34% वोट मिले थे. जबकि, इंडियन नेशनल लोकदल को मात्र 2.45 फीसदी वोट मिले.
इनेलो और जेजेपी का वोट प्रतिशत. 2019 में BJP-JJP का वोट प्रतिशत: अगर हम 2019 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो उससे लगता है कि अगर लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और जेजेपी एक साथ चुनावी मैदान में उतरी तो निश्चित तौर पर इसका दोनों दलों को लाभ मिल सकता है. अगर हम दोनों दलों के विधानसभा चुनाव में मिले वोट प्रतिशत के आंकड़ों का जोड़ देखें तो यह करीब 64 फीसदी बनता है.
एक साथ उतरने पर विपक्षी दलों को दे सकते हैं चुनौती: यानी आंकड़े बता रहे हैं कि एक साथ अगर दोनों दल लोकसभा चुनाव में उतरे तो विपक्षी दलों को कड़ी चुनौती दे सकते हैं. लेकिन, राजनीतिक अनिश्चितताओं का खेल है यह सभी जानते हैं. सभी दल अपने-अपने स्तर पर चुनावी समीकरणों का आकलन करते हैं. वहीं, वर्तमान में तो दोनों जल्दी अपने-अपने स्तर पर ही लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट चुके हैं. दोनों दलों का लोकसभा चुनाव में गठबंधन होगा या नहीं वर्तमान में यह तो दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व जानते हैं.