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दिल्ली में हुई हिंसा के लिए किसान संगठन जिम्मेदार, इनके नेताओं पर होनी चाहिए कार्रवाई- बीजेपी

बीजेपी ने दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उसके लिए किसान संगठनों पर दोष मड़ा है. बीजेपी नेताओं ने कहा है कि किसान संगठनों और इनके नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अब इस आंदोलन की सच्चाई लोगों के सामने आ चुकी है.

bjp leader praveen atre on delhi farmers parade
bjp leader praveen atre on delhi farmers parade

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Published : Jan 26, 2021, 6:47 PM IST

चंडीगढ़:दिल्ली में प्रदर्शनकारियों द्वारा जमकर बवाल काटा जा रहा है. जहां लाल किले पर आंदोलनकारियों ने कब्जा किया. वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिर चूक कहां पर हुई है. बीजेपी ने दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उसके लिए किसान संगठनों पर दोष मड़ा है. बीजेपी नेताओं ने कहा है कि किसान संगठनों और इनके नेताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए.

'दिल्ली में हुई हिंसा के लिए किसान संगठन जिम्मेदार, इनके नेताओं पर होनी चाहिए कार्रवाई'

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण अत्रे ने कहा कि अराजकता फैलाने का प्रयास किया गया है. इस पूरे बवाल में कहीं पर भी किसान संगठनों के नेता नजर नहीं आ रहे हैं. जबकि पहले ट्रैक्टर मार्च को शांतिप्रिय तरीके से अनुमति दी गई थी. जिसमें सोची समझी साजिश के तहत पूरा बवाल काटा गया. बीजेपी नेता प्रवीण अत्रे ने कहा जिस तरह से बवाल काटा जा रहा है पुलिस और सरकार को भी सख्त रुख अपनाना पड़ेगा.

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प्रवीण अत्रे ने कहा की दिल्ली में जो हुआ वो सभी ने देखा. दिल्ली में जिस तरह से पुलिसकर्मियों पर तलवारे चलाई गई और जेसीबी मशीन से बसों को तोड़ा गया. पहले से तय था कि ट्रैक्टर मार्च शांतिपूर्ण तरीके से होगा, लेकिन जिस तरीके से पूरा बवाल काटा गया जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया गया उसे स्पष्ट है कि सब कुछ सोची समझी साजिश थी.

प्रवीण अत्री ने कहा कि पुलिस ने प्रयास किया कि जिस रास्ते पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च तय हुआ था उस पर ही किसान चलें, लेकिन जिस तरह से पुलिस पर हमला किया गया उससे स्पष्ट होता है कि इस आंदोलन में अराजक तत्व शामिल हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अराजक तत्व बवाल मचा रहे हैं. उसमें सरकार को सख्त रूख अपनाना पड़ेगा ये स्वभाविक है.

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लाल किले पर किए गए कब्जे को लेकर पूछे सवाल पर प्रवीण अत्री ने कहा कि देश का संविधान 26 जनवरी को लागू हुआ था और इस दिन को देश का हर नागरिक मनाता है. मगर इस दिन पर इन लोगों ने अपनी अराजक सोच को दिखाने की कोशिश की है. लोकतंत्र का अपहरण करने की कोशिश और सविधान को उल्लंघन करने की कोशिश की. उससे इस आंदोलन का असली चेहरा लोगों के सामने आ चुका है.

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