चंडीगढ़: अपनी स्थापना (Bjp Foundation Day 2023) से लेकर अब तक हरियाणा में बीजेपी ने शून्य से शिखर का सफर तय किया है. 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की स्थापना हुई थी. अपनी स्थापना से लेकर कभी महज 2 सांसदों वाली पार्टी रही बीजेपी ने 43 साल के संघर्ष में आज सत्ता के शिखर पर है. अगर बात हरियाणा की करें, तो एक सीट जीतने को तरसने वाली ये पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना चुकी है. लगातार दूसरी बार आज भी हरियाणा की सत्ता पर काबिज है.
हरियाणा में बीजेपी की बुनियाद भारतीय जनसंघ के समय से ही पड़ गई थी. मंगल सेन हरियाणा में जनसंघ के बड़े नेता रहे हैं. वो हरियाणा सरकार में मंत्री भी रहे और उप मुख्मंत्री भी. 1966 में हरियाणा के गठन के बाद पहली बार हुए 1967 के विधानसभा चुनाव में मंगलसेन (First BJP MLA in Haryana) जनसंघ के टिकट पर विधायक बने. मंगलसेन रोहतक विधानसभा सीट से 7 बार विधायक चुने गये. हरियाणा विधानसभा चुनाव 1967 में जनसंघ के 12 विधायक जीते थे. बीजेपी हरियाणा में पार्टी की बुनियाद मजबूत करने का श्रेय मंगल सेन को ही देती है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2009 में बीजेपी के केवल 4 विधायक थे. भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद हरियाणा में 1982 में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी के टिकट से 6 उम्मीदवार जीतकर विधानसभा में पहुंचे. जीतने वाले इन 6 विधायकों में मंगल सेन भी शामिल थे. मंगल सेन के अलावा महेंद्रगढ़ से रामबिलास शर्मा, सोनीपत से देवीदास, पानीपत से फतेहचंद, अंबाला सिटी से शिव प्रसाद और साढौरा से भागमल विधायक बने.
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हरियाणा विधानसभा चुनाव 2009 तक, भारतीय जनता पार्टी केवल 4 सीटों तक सिमटी थी. 2009 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुल 90 सीटों में से बीजेपी को केवल 4 सीटें मिलीं थी. इस चुनाव में अंबाला कैंट से अनिल विज, पंचकूला से ज्ञानचंद गुप्ता, इसराना से कृष्ण लाल पंवार और असंद सीट से बक्शीश सिंह विर्क ने चुनाव जीता था. लेकिन इसके बाद जो हुआ वो इतिहास बन गया. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में आई मोदी लहर ने बीजेपी को बुलंदियों पर पहुंचा दिया. पहली बार बीजेपी ने 47 सीटें जीतकर हरियाणा में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई. 2019 के चुनाव में भी बीजेपी 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और जेजेपी के साथ गठबंधन करके लागातार दूसरी बार सत्ता में वापस लौटी.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर में बीजेपी को पहली बार बहुमत मिला. लोकसभा चुनाव की बात करें तो जनसंघ के जमाने से नेता रहे सूरज भान (First BJP MP in Haryana) हरियाणा के बड़े नेता रहे हैं. सूरजभान 1967 में जनसंघ के टिकट पर लोकसभा चुनाव में अंबाला सीट से सांसद बनने वाले जनसंघ के पहले सांसद हैं. भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद हरियाणा में 1984, 1989 और 1991 में कोई भी लोकसभा सीट बीजेपी नहीं जीत पाई.
1996 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में अपना झंडा फहराया और 10 में 4 सीटें जीत लीं. अंबाला से सूरजभान, फरीदाबाद से रामचंद्र, करनाल से ईश्वदर दयाल स्वामी और महेंद्रगढ़ से राम सिंह बीजेपी के टिकट पर सांसद बने. इसके बाद वो समय भी आया जब बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर विजयी पताका फहराया. 2014 में 7 और 2019 में बीजेपी ने सभी 10 लोकसभा सीटें जीतकर इतिहास रच दिया.
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