चंडीगढ़: चीन में होने वाले विंटर ओलिंपिक को लेकर दुनिया भर में लोग विरोध कर( रहे हैं. कई देशों ने विंटर ओलिंपिक का बहिष्कार भी कर लिया है. ऐसे में भारत में रह रहे तिब्बती समुदाय के लोग भी इसके विरोध में बाइक रैली निकालकर तिब्बत के लिए अपनी आवाज को बुलंद कर रहे (Bike Rally Of Tibetan Youth in Chandigarh) हैं. यह बाइक रैली तिब्बती युवा संगठन के बैनर तले निकाली जा रही है. इस बाइक रैली का मकसद चीन में होने वाले विंटर ओलिंपिक को लेकर अपना विरोध जाहिर करना है.
चंडीगढ़ पहुंची तिब्बती युवकों की बाइक रैली, चीन में होने वाले विंटर ओलंपिक का किया विरोध - चंडीगढ़ में तिब्बती युवाओं की बाइक रैली
चंडीगढ़ में विंटर ओलंपिक के बहिष्कार को लेकर क्षेत्रीय तिब्बती युवा संघ की ओर से बाइक रैली निकालकर लोगों से ओलंपिक का बहिष्कार करने की मांग (Protest Aganist China Winter Olympics) की. रैली दिल्ली पहुंचने तक दस राज्य कवर करेगी.
![चंडीगढ़ पहुंची तिब्बती युवकों की बाइक रैली, चीन में होने वाले विंटर ओलंपिक का किया विरोध Bike Rally Of Tibetan Youth in Chandigarh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-14155787-thumbnail-3x2-chandigarh.jpg)
युवा संगठन के सदस्य तेनजिंग के मुताबिक इन युवाओं के साथ देश भर के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले तिब्बती समुदाय के लोग इसमें जुड़े हैं. इनकी यह बाइक रैली 10 दिसंबर 2021 को शुरू हुई थी. यह अपनी इस बाइक रैली के जरिए 10 राज्यों को कवर कर रहे हैं. इसमें 40 प्रमुख जगह शामिल हैं. पंजाब यानी चंडीगढ़ नौवां राज्य है जहां वह इस वक्त मौजूद है. उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांग है कि चीन में होने वाले विंटर ओलंपिक का सभी लोग बहिष्कार करें. उनके मुताबिक ओलिंपिक का मतलब होता है देशों के बीच एकजुट होकर खेलना और दुनिया में शांति का संदेश देना और उसमें योगदान देना. लेकिन चीन इसमें से कुछ भी नहीं कर रहा है. वे कहते हैं कि चीन के हाथ खून से रंगे हुए हैं. ऐसे देश में विंटर ओलिंपिक का होने का कोई मतलब नहीं है. इसलिए इस ओलंपिक का बहिष्कार होना चाहिए.
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वे कहते हैं कि साल 2008 में भी चीन में ओलिंपिक हुए थे. उस वक्त से लेकर अब तक 157 तिब्बतियों ने अपनी जान तिब्बत की आजादी के लिए दी है. उन्होंने अपना शरीर जलाकर चाइना के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया है. इनमें से 10 तिब्बतियों ने भारत में अपनी जान दी है. उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि तिब्बत में मानव अधिकार का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. चीन ने वहां पर रह रहे तिब्बतियों पर बहुत ज्यादा पाबंदियां लगा रखी है.
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