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नौकरियों में 75% आरक्षण: भूपेंद्र हुड्डा बोले- हमने 2011 में ही पारित कर दिया था फैसला

हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण देने का प्रारूप तय होने पर भूपेंद्र हुड्डा ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ये फैसला कोई नया नहीं है.

bhupinder singh hooda reaction on ordnance draft of giving reservation to 75 percent of haryana youth
प्राइवेट कंपनियों में 75% आरक्षण: नहीं कोई नया फैसला, 2011 में भी हो चुका है पारित-हुड्डा

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Published : Jul 7, 2020, 1:41 PM IST

चंडीगढ़: निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत हरियाणवी युवाओं को आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. सोमवार को कैबिनेट में इस पर मुहर लग गई है. अब ये अध्यादेश बिल के रूप में विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. जिसके पास होने के बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. वहीं हरियाणा सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने प्रतिक्रिया दी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण देने का प्रारूप तय होने पर हुड्डा ने कहा कि ये फैसला कोई नया नहीं है. 2011 में भी ये फैसला पारित कर दिया गया था, उसका रिकॉर्ड निकाल कर देखा जा सकता है.

नहीं कोई नया फैसला, 2011 में भी हो चुका है पारित-हुड्डा

ये होगा इस कानून का प्रारूप

'हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट टू लोकल कैंडिडेट्स एक्ट-2020' प्रदेश के सभी निजी उद्योग, फर्म अथवा हर रोजगार प्रदाता पर लागू होगा. जहां 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है. यह नियम पहले से कार्यरत कर्मचारियों पर लागू नहीं होकर अध्यादेश के नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि के बाद निजी क्षेत्र में होने वाली भर्तियों पर लागू होगा.

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हरियाणा के डोमिसाइल धारकों को मिलेगा लाभ

निजी क्षेत्र के उद्योगों में हरियाणा के युवाओं को आरक्षण का लाभ लेने के लिए उनके पास हरियाणा का स्थाई निवासी प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) होना अनिवार्य है. इस कानून को लागू करवाने का जिम्मा श्रम विभाग का होगा. कानून के दायरे में आने वाली प्रत्येक फर्म, फैक्ट्री या आउट सोर्सिंग कंपनी को अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों का विस्तार पूर्वक डाटा सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत करवाना अनिवार्य होगा. निजी क्षेत्र में यह कानून 50 हजार रुपये तक वेतन वाले पदों पर ही लागू होगा.

कानून में ऐसे मिल सकती है छूट

निजी क्षेत्र के रोजगार प्रदाता को प्रदेश में निपुण अथवा योग्य कर्मचारी की उपलब्धता नहीं होने पर इसकी सूचना श्रम विभाग को देनी होगी. श्रम विभाग संबंधित फर्म को कर्मचारियों को सक्षम बनाने या अन्य राज्य के युवाओं को नौकरी देने के लिए अनुमति देगा.

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