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भूपेंद्र हुड्डा Vs मनोहर लाल: हरियाणा पर कर्ज को लेकर नेता प्रतिपक्ष की श्वेत पत्र की मांग, मनोहर लाल बोले- हमारी बात ही व्हाइट पेपर है

हरियाणा पर कर्ज के आंकड़ों को लेकर नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda) और सीएम मनोहर लाल में जंग छिड़ गई है. हुड्डा सरकार से इस मामले पर श्वेत पत्र लाने की मांग कर रहे हैं. जबकि सीएम मनोहर लाल ने हुड्डा की इस मांग को नकारते हुए कहा कि जब कुछ गड़बड़ ही नहीं है तो श्वेत पत्र की क्या जरूरत.

Bhupinder Hooda statement on Manohar Lal
Leader of Opposition Bhupinder Hooda

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Published : Apr 20, 2023, 9:38 AM IST

चंडीगढ़: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर हरियाणा सरकार पर कर्ज के मामले को लेकर निशाना साधा है. हुड्डा के मुताबिक प्रदेश पर कुल लोन और देनादारियां मिलाकर 4 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. वे इस पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं. इधर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ना सिर्फ नेता प्रतिपक्ष की श्वेत पत्र लाने की मांग को ठुकरा रहे हैं बल्कि इस मामले पर पलवटवार कर रहे हैं.

प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार कर्ज और जीएसडीपी (Gross State Domestic Product) के गुमराह करने वाले आंकड़े पेश कर रही है. अगर सरकार द्वारा दिए जा रहे कर्ज के आंकड़े सही हैं तो वो श्वेत पत्र जारी करने से क्यों गुरेज कर रही है. हुड्डा इसके लिए आंकड़े बताते हुए कहते हैं कि 2014-15 में हरियाणा की जीएसडीपी 4,48,537 करोड़ थी और कर्ज करीब 70 हजार करोड़ था. लेकिन बीजेपी कार्यकाल के दौरान जीएसडीपी मात्र 2.2 गुणा बढ़ी जबकि कर्जा तमाम देनदारियां मिलाकर 4 से 5 गुणा बढ़कर 4 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है.

वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कर्ज के मामले में प्रदेश सरकार श्वेत पत्र लाने की मांग को नकार रही है. मुख्यमंत्री मनोहर कहते हैं कि हम श्वेत पत्र क्यों लाएं. श्वेत पत्र तब लाया जाता है जब हमें लगता है कि इसमें कोई गड़बड़ है. सीएम ने कहा कि हुड्डा के वक्त का 2015 में हमने श्वेत पत्र लाया था. उन्होंने जो क्लेम किया था वे बातें कितनी विपरीत निकली ये आज भी लिखित है.

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मनोहर लाल का दावा है कि हमारी कोई बात गलत नहीं है. जो है वही हम कहते हैं. यही हमारा व्हाइट पेपर है. हमारे बजट का जो डॉक्यूमेंट है वही हमारा व्हाइट पेपर है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा की एक और भी तकलीफ है. कभी भी किसी मुख्यमंत्री के कार्यकाल से इतना विचलित इसलिए नहीं हुए क्योंकि कभी किसी मुख्यमंत्री ने उनको यानी कांग्रेस पार्टी को इतने वक्त तक सत्ता से बाहर नहीं रखा. हमारा कार्यकाल 3031 दिन का हो गया है. प्रदेश में 1966 से आज तक किसी ने इतने वक्त तक कांग्रेस को सत्ता से बाहर नहीं रखा है.

हरियाणा पर कर्ज को लेकर आर्थिक मामलों के जानकार प्रोफेसर बिमल अंजुम कहते हैं कि प्रदेश पर 2023-24 में जो कर्ज है वो दो लाख 85 हजार 885 करोड़ का है, जो कि पिछली बार 2 लाख 56 हजार 256 करोड़ का था. वे कहते हैं कि 2014-15 में प्रदेश पर 50 हजार करोड़ की कर्ज की बात कही जाती है लेकिन 27 हजार करोड़ का बिजली सेक्टर पर भी कर्ज था. जिसे बाद में बीजेपी की सरकार ने मर्ज कर लिया था. यानि 2014-15 में एक्चुअल कर्ज 70 हजार 900 करोड़ के करीब था.

बिमल अंजुम कहते हैं कि 2015-16 के बजट में 30 हजार करोड़ का कर्ज लेकर ही सरकार चलानी पड़ी थी. जिससे प्रदेश पर कर्ज 1 लाख करोड़ से ऊपर का हो गया था. जहां तक 4 लाख करोड़ रुपए की कर्ज की बात हो रही है तो इसमें कोई सच्चाई दिखाई नहीं देती है. यह हाइपोथेटिकल आंकड़ा है. जहां तक विपक्ष इस कर्ज की बात कर रहा है. हो सकता है कि वो सरकार पर राजनीतिक दबाव के तहत ऐसा कर रहा हो.

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