चंडीगढ़ः हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस ने हरियाणा में बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है. देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी ने विधानसभा चुनाव में भले ही जीत हासिल नहीं किया, लेकिन प्रदेश की सत्ताधारी बीजेपी को हार का एहसास जरूर करा दिया. इसके लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को श्रेय दिया जा रहा है.
हुड्डा के अस्तित्व पर खडे़ हो रहे थे सवाल
भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा कांग्रेस के वो नेता हैं, हरियाणा विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से एक महीने पहले तक हरियाणा कांग्रेस जिनके अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा हो गया था. हालात ऐसे हो गए थे कि इस बात की चर्चाएं भी शुरू हो गईं थी कि हुड्डा कांग्रेस को अलविदा कह अपनी नई पार्टी बना सकते हैं. इसी को लेकर रोहतक में उन्होंने शक्ति प्रदर्शन भी किया और यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस पार्टी अपने रास्ते से भटक गई है.
चुनाव से ठीक पहले मिली जिम्मेदारी
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से कुछ ही दिनों पहले कांग्रेस आलाकमान ने पिछले लंबे वक्त से गुटबाजी में उलझी हरियाणा की कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथों में सौंपी. हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी और कांग्रेस के महासचिव गुलाम नबी आजाद की माने तो हरियाणा में कांग्रेस को सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंपी गई. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी ने अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाकर कुमारी सैलजा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया और किरण चौधरी से सीएलपी लीडर का पद लेकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया.
हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही कांग्रेस के हीरो !, क्लिक कर देखें वीडियो. ये भी पढ़ेः- बीजेपी के बडे़ चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर, हार के कगार पर बड़े मंत्री
टिकटों के बंटवारे में रहा दखल
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस की चुनाव प्रबंधन समिति के चेयरमैन भी बनाए गए थे. वहीं टिकटों पर फैसला लेने वाली कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी में भी हरियाणा से सिर्फ भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा को ही जगह मिली थी और टिकट बंटवारे में भी उनकी काफी दखलअंदाजी रही. जिसके चलते नाराज होकर आखिरकार अशोक तंवर ने कांग्रेस को अलविदा भी कह दिया. ऐसे में माना जा रहा है कि हरियाणा में तकरीबन हाशिए पर पहुंच चुकी कांग्रेस हुड्डा की अगुवाई में ही प्रदेश की सत्ताधारी बीजेपी को कड़ी टक्कर दे पाने में कामयाब हुई है.
हुड्डा को कमान देने में हुई देरी !
राजनीति के जानकार हरियाणा कांग्रेस की इस पर परफॉर्मेंस के लिए जहां हुड्डा को श्रेय दे रहे हैं, वहीं हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान देरी से सौंपने के लिए कांग्रेस आलाकमान की आलोचना कर रहे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने अलग 6 महीने पहले हरियाणा में हुड्डा को आगे कर दिया होता तो कांग्रेस पार्टी के लिए नतीजे और बेहतर हो सकते थे.
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हुड्डा को फ्री हैंड !
जाट और नॉन जाट की सियासत के लिए जाने जाने वाले प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाटों के बड़े नेता माने जाते हैं और एक बार फिर से उन्होंने ये बात साबित कर दी है. जिसके चलते कांग्रेस आलाकमान ने भी अब हरियाणा में हुडडा को फिलहाल फ्री हैंड दे दिया है.
वहीं रुझानों के बीच में तो हरियाणा में सरकार बनाने की कोशिशों से लेकर किसी दूसरी पार्टी को समर्थन देने या किसी दूसरी पार्टी से समर्थन लेने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फ्री हैंड दे दिया था. जो दिखाता है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आखिरकार ये साबित कर दिया है कि हरियाणा कांग्रेस की हीरो वह ही हैं.
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