चंडीगढ़:नया साल 2022 का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि नया साल का पहला दिन किसी जश्न से कम नहीं होता और सोने पर सुहागा वाली बात ये हैं कि इस बार नया साल वीकेंड पर आ रहा है. ऐसे में आप अगर अपने परिवार के साथ नए साल पर घूमने जा रहे हैं तो चंडीगड़ का रॉक गार्डन (chandigarh rock garden) ऐसी जगह है जहां जा कर आपके मुंह से बस दो शब्द निकलेंगे...अद्भुत और अल्पनीय.
आपने कई कलाकार देखे होंगे जो अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल कर बगीचे को कई तरह की कलाकृतियां बनाकर सजाते हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसे गार्डन के बारे में बताएंगे जहां कचरे और बेकार की वस्तुओं से बनी मूर्तियां और कलाकृतियां देखने को मिलेंगी. चंडीगढ़ का रॉक गार्डन दुनिया के विख्यात पिकनिक स्पॉट्स में शुमार है, जिसे 1958 में नेक चंद नाम के शख्स ने बनाना शुरू कर दिया था.
रॉक गार्डन नेक चंद की रचनात्मकता और कल्पना का एक अद्भुत और उत्कृष्ट प्रतीक है. इस गार्डन में नेकचंद ने घरेलू, शहरी और औद्योगिक कचरे से कई मूर्तियां और कलाकृतियां बनाई हैं. नेकचंद एक कर्मचारी थे जो दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी हुई चूड़ियां, चीनी मिट्टी के बर्तन, तार, ऑटो पार्ट्स, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन और बेकार फेंकी हुई चीजों को बीनते और जंगल में जाकर उनसे कलाकृतियां बनाते थे.
ये पढे़ं-आपदा में अवसर: चंडीगढ़ के बस ड्राइवर ने घर में बना दिया मिनी रॉक गार्डन
1976 में अधिकारियों ने जब वहां जाकर चंद की ओर से बनाए गए कलाकृतियों को देखा तो वो हैरान रह गए. जिस जगह पर नेक चंद इस गार्डन का निर्माण कर रहे थे वहां पर कोई भी निर्माण करना गैरकानूनी था, लेकिन उनके द्वारा बनाई गई कलाकृतियां बेहद खूबसूरत थी. इस वजह से अधिकारियों ने उन्हें यहां पर निर्माण करने की इजाजत दे दी. नेक चंद 12 एकड़ इलाके में रॉक गार्डन का निर्माण कर चुके थे.