चंडीगढ़: हरियाणा के लिये अलग सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनवाने के लिए 41 सदस्यीय हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक तदर्थ कमेटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के संत कबीर कुटीर आवास पहुंचकर उनका आभार व्यक्त किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक अधिनियम बना था. जिसे बाद में वर्ष 2014 में न्यायालय में चुनौती दी गई. हरियाणा के सिख समाज के लोगों की इच्छा थी कि हरियाणा के गुरुद्वारों का पैसा हरियाणा में ही खर्च हो और सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (haryana sikh gurdwara management committee) के अधीन न हो.
इसलिए सरकार ने भी अपना फर्ज निभाते हुए सर्वोच्च न्यायालय तक पैरवी की और सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 22 सितंबर, 2022 को फैसला दिया कि हरियाणा की अलग से सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बने और बाद में हरियाणा गृह विभाग ने 41 सदस्यीय तदर्थ कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी की थी जिसका कार्यकाल 18 महीने का था वह भी पूरा हो गया है. अब हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के लिए 11 सदस्यीय कार्यकारी कमेटी गठित की जाएगी जिसमें 5 पदाधिकारी और 6 सदस्य होंगे. उन्होंने कहा कि यह कमेटी हरियाणा के सभी 52 ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब गुरुद्वारों का प्रशासनिक प्रबंधन का कार्य देखेगी.
उन्होंने कहा कि 41 सदस्यीय कमेटी अस्थायी है जब तक हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव नहीं करवाए जाते हैं. चुनाव की जिम्मेवारी उपायुक्त, कुरुक्षेत्र को दी गई है. सबसे पहले हरियाणा के सिखों की वोटर लिस्ट तैयार की जाएगी. इस प्रक्रिया में 6 महीने का समय लगने की उम्मीद है. हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मुख्यालय कुरुक्षेत्र में ही होगा. उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थानों में अभी हाल ही में हुए चुनावों में 60 प्रतिशत से अधिक पंच, सरपंच व ब्लॉक समिति के सदस्य सर्वसम्मति से चुने गए हैं और सरकार ने 350 करोड़ रुपये की राशि विकास कार्यों के लिए इन पंचायतों को अतिरिक्त रूप से दी है.