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Shooting Range Chandigarh: इस शूटिंग रेंज में तैयार होते हैं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, देश को अब तक दिला चुके हैं कई मेडल - players in Asian Games

Asian Games 2023 एशियन गेम्स 2023 में शूटिंग में भारत को गोल्ड समेत कई मेडल मिले हैं. मेडल पाने वाले कई खिलाड़ियों ने चंडीगढ़ डीएवी कॉलेज शूटिंग रेंज में ही निशानेबाजी का हुनर सीखा है. आखिर इस शूटिंग रेंज की क्या खासियत है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(Shooter Practice in DAV College Shooting Range Sports Academy in Haryana)

Shooter Practice in DAV College Shooting Range
Shooter Practice in DAV College Shooting Range

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 7, 2023, 7:43 AM IST

इस शूटिंग रेंज में तैयार होते हैं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, देश को अब तक दिला चुके हैं कई मेडल

चंडीगढ़: चंडीगढ़ सेक्टर-10 स्थित डीएवी कॉलेज में पिछले 9 सालों से शूटिंग रेंज 20 से अधिक खिलाड़ियों को तैयार कर चुकी है. आज यह सभी खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न सिर्फ देश का नाम रोशन कर रहे हैं बल्कि चंडीगढ़ के डी ए वी कॉलेज का भी नाम रोशन कर रहे हैं.

शूटिंग रेंज की स्थापना:चंडीगढ़ सेक्टर 10 में स्थित डीएवी कॉलेज की शूटिंग रेंज की स्थापना 27 सितंबर 2014 की गई थी. इस रेंज का उद्घाटन डीएवी कॉलेज मैनेजिंग कमेटी की प्रधान रही चुकीं पूनम सूरी द्वारा की गई थी. इस रेंज को कॉलेज प्रशासन और निजी तौर पर शूटिंग की कोचिंग देने वाले इंस्टीट्यूट द्वारा मिलकर चलाई जाती है. इस रेंज में रोजाना 30 से 40 छात्र प्रैक्टिस करने के लिए पहुंचते हैं. यह रेंज सुबह 9:00 से लेकर शाम के 9:00 बजे तक खुली रहती है. इस रेंज में पांच सामान्य टारगेट और दो इलेक्ट्रॉनिक टारगेट ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं.

डीएवी कॉलेज में रेंज खुलने के 1 साल बाद यानी 2015 को शूटिंग रेंज को 4.5 लाख रुपये की लागत के साथ 2 स्विस मेड इलेक्ट्रॉनिक टारगेट के साथ अपग्रेड किया गया था. इसके साथ ही कॉलेज में बायो न्यूरो फीडबैक सिस्टम के साथ शूटर ट्रेनिंग सिस्टम लाते हुए शूटर्स के लिए सुविधाएं बढ़ाइ गई हैं. जिन निशानेबाजों को मानसिक तनाव और एकाग्रता स्तर पर दिक्कत आती है, उन्हें इस कॉलेज में विशेष काउंसलिंग दी जाती है.

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कॉलेज में 10 मीटर रेंज इस क्षेत्र की सबसे अच्छी शूटिंग रेंज में से एक है. कॉलेज की शूटिंग सुविधाओं में इलेक्ट्रॉनिक टारगेट आने के बाद छात्रों को काफी मदद मिली थी. लेकिन अभी भी इस रेंज में बहुत सा काम होना बाकी है. जिसके कारण आज भी निशानेबाजों को अपने प्रशिक्षण के लिए दिल्ली स्थित रेंजों पर निर्भर रहना पड़ता है और उन्हें अपने आने वाली प्रतियोगिताओं की ट्रेनिंग के लिए दिल्ली जाना पड़ता है.

मनोवैज्ञानिक कौशल प्रशिक्षण खास ध्यान: कॉलेज के फिजिकल एजुकेशन प्रोफेसर अमनेन्द्र मान और श्रुति शौरी द्वारा राइफल और पिस्टल निशानेबाजी के लिए मनोवैज्ञानिक कौशल प्रशिक्षण पर भी खास काम किया गया है. जिसका चलते निशानेबाजों को समय-समय पर मदद की जाती है. साथ ही इस प्रशिक्षण द्वारा खिलाड़ियों को उनकी प्रतियोगिताओं से पहले खास प्रशिक्षण करवाया जाता है ताकि वह अपने खेलों में अच्छा प्रदर्शन दे सके.

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फिजिकल एजुकेशन विभाग हेड अमनेन्द्र मान ने बताया हमेशा निशानेबाजों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देते हुए. कालेज परिसर समय-समय पर उन्हें मदद पहुंचता है. चाहे वह उनके प्रशिक्षण के समय उन्हें पढ़ाई की मदद हो चाहे उन्हें शूटिंग रेंज में ट्रेनिंग करने को लेकर हो. उन्होंने बताया कि इस रेंज से अंजुम मोदगिल, जो विश्व स्तरीय खिलाड़ी बन गयी हैं, जिन्होंने अपनी शुरुआत इसी रेंज से की थी. जो आज के दिन देश को शूटिंग गेम्स में प्रतिनिधित्व कर रही हैं. इसके अलावा बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इसी रेंज से अपनी शुरुआत की है.

शुक्रवार को सभी एशियाई मेडल धारकों को किया जाएगा सम्मानित: शुक्रवार यानी 6 अक्टूबर को सभी एशियाई गेम्स खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा। यह सभी पांच खिलाड़ी कॉलेज के छात्र है. खिलाड़ियों को डीएवी कॉलेज के महात्मा आनंद स्वामी ऑडिटोरियम में कॉलेज की प्रिंसिपल रितु जैन व अन्य शिक्षकों की मौजूदगी में विशेष तौर पर सम्मानित किया जाएगा. इनमें मनु भाकर जिन्होंने गोल्ड मेडल लिया, वहीं पलक जिन्होंने गोल्ड मेडल लिया, सरबजोत सिंह जिन्होंने भी गोल्ड मेडल जीता है, इसके अलावा आदर्श सिंह जिन्होंने ब्रॉन्ज मेडल और विजयवीर संधू जिनका सबसे पहले ब्रॉन्ज मेडल आया था. सभी को विशेष तौर पर फूल मालाओं से स्वागत किया जाएगा.

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