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अलविदा अरुण जेटली: जानिए बीजेपी से कैसे जुड़े अरुण जेटली ?

1974 में अरुण जेटली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए. 1975 में आपातकाल का विरोध करने के बाद उन्‍हें 19 महीनों तक नजरबंद रखा गया.

अलविदा अरुण जेटली

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Published : Aug 24, 2019, 2:59 PM IST

चंडीगढ़: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के AIIMS में निधन हो गया है. वो लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. एम्स ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो बेहद दुख के साथ सूचित कर रहे हैं कि 24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर माननीय अरुण जेटली अब हमारे बीच में नहीं रहे. अरुण जेटली को 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर उनका इलाज कर रहे थे.

नहीं रहे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली

नहीं रहे अरुण जेटली
जेटली का जन्‍म 28 दिसंबर 1952 को नई दिल्‍ली के नारायणा विहार इलाके के मशहूर वकील महाराज किशन जेटली के घर हुआ था. उनकी शुरूआती पढ़ाई नई दिल्‍ली के सेंट जेवियर स्‍कूल में हुई. 1973 में उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स में स्‍नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने यहीं से लॉ की पढ़ाई भी की. छात्र जीवन में ही जेटली राजनीतिक पटल पर छाने लगे. वो 1974 में दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के छात्र संघ अध्‍यक्ष चुन लिए गए.

आपातकाल के विरोध में 19 महीनें रहे नजरबंद
1974 में अरुण जेटली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए. 1975 में आपातकाल का विरोध करने के बाद उन्‍हें 19 महीनों तक नजरबंद रखा गया. 1973 में उन्होंने जयप्रकाश नारायण और राजनारायण द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्‍टाचार विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई.

देश के TOP 10 वकीलों में शुमार हैं जेटली
अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में दूसरे नंबर के सबसे अहम शख्सियत माने जाते थे. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी अहम भूमिका निभाई थी. शुरुआती करियर की बात करें तो 1990 में अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट में वरिष्‍ठ वकील में रूप में नौकरी शुरू की. वीपी सिंह सरकार में उन्‍हें 1989 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था. उन्‍होंने बोफोर्स घोटाले की जांच में पेपरवर्क भी किया. जेटली देश के टॉप 10 वकीलों में से एक माने जाते रहे हैं.

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