चंडीगढ़: हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल (haryana state pharmacy council) में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री मंत्री अनिल विज (anil vij home minister haryana) ने की बड़ी कार्रवाई की है. अनिल विज ने हरियाणा राज्य फार्मेसी परिषद के अध्यक्ष धनेश अदलखा, वाइस प्रेसिडेंट सोहनलाल कंसल और रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा, तीनों को काउंसिल के पदों से हटाया दिया है.
तीनों के खिलाफ 2 जुलाई को भ्रष्टाचार के मामले में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो हिसार (State Vigilance Bureau Hisar) ने एफआईआर दर्ज की थी. फार्मेसी काउंसिल में पैसे लेकर पंजीकरण करने का आरोप है. फिलहाल राजकुमार वर्मा की रजिस्ट्रार के तौर पर नियुक्ति की गई है. परिषद के काम की जिम्मेदारी एचसीएस योगेश मेहता को सौंपी गई है.
हरियाणा सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश गौरतलब है कि हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में लाखों रुपये की रिश्वत लेकर फार्मेसी लाइसेंस दिलवाने का मामला सामने आया था. इस मामले में पहले भिवानी विजिलेंस टीम ने फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा के लिए रिश्वत लेने के आरोप में भिवानी के विद्या नगर निवासी सुभाष अरोड़ा को गिरफ्तार किया था. सुभाष अरोड़ा ने पूछताछ में बताया था कि उसने धनेश्वर लक्खा और सोहनलाल कंसल के लिए 65000 रुपये की रिश्वत ली थी.
जिसमें 30000 रुपये गूगल पे और 35000 रुपये नकद लिए थे. विजिलेंस टीम ने सुभाष अरोड़ा को 35000 नकदी लेते रंग हाथ गिरफ्तार किया था. मामले में काउंसिल के सदस्यों ने सीएम को भी धनेश अदलखा और सोहनलाल कंसल के खिलाफ शिकायत दी थी. हालांकि उस दौरान सबूत न होने पर मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी.