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दूसरे राज्यों से फार्मेसी करने वाले हरियाणा के छात्र खा रहे ठोकर, नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन - दूसरे राज्य फार्मेसी रजिस्ट्रेशन

हरियाणा के निवासी जिन्होंने दूसरे राज्यों से फार्मेसी की है. वो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए हैं. बाहरी राज्यों से फार्मासिस्ट का कोर्स करने वाले युवाओं का हरियाणा में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है.

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दूसरे राज्यों से फार्मेसी करने वाले हरियाणा के छात्र खा रहे ठोकर, नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन

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Published : Jul 16, 2020, 1:22 PM IST

चंडीगढ़: दूसरे राज्यों से फार्मेसी करने वाले स्टूडेंट्स का हरियाणा में रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है. कोरोना काल में बाहरी राज्यों से फार्मेसी करने वाले स्टूडेंट्स के सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है. ये हालात तब है, जब ये लोग सूबे के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज से इसकी शिकायत कर चुके है.

चंडीगढ़ के प्रेस क्लब में दूसरे राज्यों से डी फार्मा करने वाले स्टूडेंट्स के अभिभावकों ने एक पत्रकार वार्ता कर हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल पर आरोप लगाए. यमुनानगर से आए संजय वर्मा ने बताया कि उनके बेटे ने हिमाचल से डी फार्मा किया था, जिसके बाद उन्होंने उसके रजिस्ट्रेशन के लिए हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के पास 18 नवंबर 2019 को ऑनलाइन आवेदन किया था और अगले दिन 19 नवंबर 2019 को खुद काउंसिल के कार्यालय में जाकर भी आवेदन किया था. बावजूद इसके इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

दूसरे राज्यों से फार्मेसी करने वाले हरियाणा के छात्र खा रहे ठोकर, नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन

बता दें कि हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल की कार्यप्रणाली को लेकर संजय वर्मा ने गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से इसकी शिकायत की थी. जिस पर विज ने मामले की जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को सौंप दी थी, लेकिन अब तक इस पर कुछ भी नहीं हुआ.

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बेटे का रजिस्ट्रेशन ना होने पर जब संजय वर्मा ने आरटीआई के तहत सूचना मांगी तो उसमें चौंकाने वाला जवाब दिया गया. मांगी गई आरटीआई के जवाब में कहा गया कि काउंसिल में आठ नवंबर 2019 से रजिस्ट्रार नहीं है, इसलिए बाहरी राज्यों से फार्मेसी करने वाले स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा.

ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब बाहरी राज्यों से फार्मेसी करने वाले स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा तो फिर हरियाणा के स्टूडेंट्स का कैसे रजिस्ट्रेशन हो रहा है. आखिरकार यहां रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वाले बच्चे भी तो हरियाणा के ही स्थाई निवासी हैं.

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