पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक के खिलाफ जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने खोला मोर्चा चंडीगढ़:जाट आरक्षण संघर्ष समिति (All India Jat Aarakshan Sangharsh Committee) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक अपने बयान को लेकर जाट नेताओं के निशाने पर हैं. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष कमेटी की ओर से यशपाल मलिक के हरियाणा के जसिया में दिए उस बयान की कड़ी निंदा की गई, जिसमें उन्होंने जाट समाज के लोगों के लिए गुंडे, आतंकवादी और चाकू की नोक पर काम करवाने वाले जैसे शब्दों का प्रयोग किया था. कमेटी ने (Ashok Balhara on Yashpal Malik) आरोप लगाया की जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान यशपाल मलिक ने जाट समुदाय को धोखा दिया था. आंदोलन के दौरान नौजवानों पर दर्ज हुए मामले के बीच मलिक ने सरकार के साथ हाथ मिलाकर अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों से खुद को बचा लिया. इस दौरान अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष कमेटी ने खेल मंत्री पर आरोप लगाने वाली महिला कोच को समर्थन देने की भी बात कही है.
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष कमेटी ने यशपाल मलिक पर जाटों के खिलाफ बयान देने का आरोप लगाया है. कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक अशोक बल्हारा ने कहा कि जाट आंदोलन के असफल रहने का प्रमुख कारण यशपाल मलिक है. जिन्होंने आंदोलन के दौरान सरकार से हाथ मिला लिया था. आंदोलन के दौरान लोगों और युवाओं ने उन्हें अपना नेता समझा था. उन्होंने सवाल पूछा कि यशपाल मलिक ने पिछले 15 वर्षों में बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष हरियाणा के जाट समुदाय को क्या दिया
राष्ट्रीय संयोजक अशोक बल्हारा ने यशपाल मलिक से अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा है. इन वर्षों के दौरान समुदाय के 21 बच्चों की शहादत हुई और करीब 2 हजार 200 मुकदमों से युवाओं का भविष्य खराब हुआ. लेकिन उन्होंने सरकार से मिल कर खुद पर लगा देशद्रोह का मुकदमा खारिज करवाया. उन्होंने कौम के करोड़ों रुपए बर्बाद किए हैं. हरियाणा के जाट आज किसी भी श्रेणी में आरक्षित नहीं हैं.
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यशपाल मलिक के कारण नहीं मिला आरक्षण:राष्ट्रीय संयोजक अशोक ने आरोप लगाया कि मलिक ने 20 मार्च 2017 को दिल्ली कूच से पहले हरियाणा के लोगों को साथ न लेकर खुद 18 मार्च की रात को सरकार से समुदाय का सौदा करने का घिनौना काम किया. हरियाणा में आज भी जाटों को आरक्षण नहीं मिला है, जबकि अन्य राज्यों में उन्हें आरक्षण मिला है. ऐसे में फरवरी में सभी खापों और जाट कमेटी की ओर से एक बड़ी मीटिंग बुलाई जाएगी. जिसमें कड़े निर्णय लिए जाएंगे. कमेटी ने आरोप लगाया कि 19 दिसंबर को 202 नंबर चीफ जस्टिस के सामने जब जाट आंदोलन से जुड़ा मुकदमा पेश हुआ, उस दौरान वहां सरकार का एक भी नुमाइंदा पेश नहीं हुआ. अब इसमें जुलाई 2023 की तारीख मिली है. यह सिर्फ एक झुनझुना था.
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बयान पर माफी मांगें यशपाल मलिक:कमेटी की ओर से यशपाल मलिक को चेतावनी दी गई कि यशपाल वह अपने बयानों पर माफी मांगे, नहीं तो फरवरी में उनके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. वहीं कमेटी ने सरकार से भी जाट आरक्षण और किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने की मांग की है. इसके साथ ही कमेटी ने जाटों को आरक्षण देने और किसान आंदोलन के समय किसानों की सभी मांगें पूरी करने की मांग की है.
महिला कोच का समर्थन:जाट संघर्ष कमेटी और खाप के सदस्यों ने हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के विरोध में आवाज उठाते हुए महिला कोच को समर्थन देने की बात कही है. खाप के सदस्य ने कहा कि सरकार हर बार बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा लगाती है, जबकि उनके मंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है. कमेटी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.