चंडीगढ़: हरियाणा कैबिनेट की तरफ से हाल ही में कई अहम फैसले लिए गए हैं. जिसके तहत पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए गए हैं. वहीं मंडियों में फलों और सब्जियों की बिक्री पर एक प्रतिशत मार्केट फीस और एक प्रतिशत एचआरडीएफ यानि उपकर लगाए जाने का फैसला लिया गया है. कोरोना महामारी के बीच हरियाणा सरकार की ओर से लिए गए ये फैसले क्यों जरूरी थे? इसके बारे में खुद कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया. साथ ही उन्होंने कांग्रेस के सवालों का भी जवाब दिया.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमें कहने से पहले विरोधी खुद को देखें. राजस्थान और पंजाब में उनकी सरकारें हैं. दोनों राज्यों के मुकाबले हमारे यहां पेट्रोल, डीजल और रोडवेज बसों का किराया कम है. मंडियों में मार्केट फीस भी उनके मुकाबले कम है. ऐसे में वो हमपर निशाना साधने से पहले खुद के गिरेबान में झांके.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि क्यों मार्केटिंग फीस और सेस बढ़ाने का फैसला लिया गया? कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा पहला राज्य था जहां किसी भी तरह का सेस मंडियों पर नही था. पड़ोसी राज्यों पंजाब राजस्थान और दिल्ली में भी 2% से 4% या इससे अधिक सेस है. हमने सिर्फ 1% मंडी का एचरडीएफ का सेस लगाया है. वो भी सिर्फ इसलिए लगाया गया ताकि मंडियों की हालत को सुधारा जा सके, मंडियों में टॉयलेट की व्यवस्था समेत आने वाले ग्राहकों के लिए व्यवस्था हो ये प्रयास हरियाणा सरकार कर रही है.