चंडीगढ़: कृषि मंत्री जेपी दलाल ने गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरन कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि पिराई सीजन 2020-21 के लिए राज्य की सभी चीनी मिलों के लिए 754 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का लक्ष्य रखा गया है. जो पिछले सीजन 2019-20 में कुल पिराई किए गए 702 लाख क्विंटल गन्ने की मुकाबले ज्यादा है.
चीनी मिलों को कृषि मंत्री के निर्देश
इसके अलावा राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वो अपना पिराई काम निर्धारित तिथि पर आरंभ करें. बैठक के दौरान जेपी दलाल ने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को चीनी रिकवरी प्रतिशतता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
गुणवत्ता पर रहेगा जोर
इसके लिए सरस्वती चीनी मिल यमुनानगर को निर्देश दिए हैं कि वो सहकारी चीनी मिल शाहबाद द्वारा प्राप्त की जा रही चीनी रिकवरी प्रतिशतता से सम्बन्धित सभी कारणों का अध्ययन करें और दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट तथा चीनी रिकवरी प्रतिशतता बढ़ाने हेतु सुझाव प्रस्तुत करें, ताकि उसके आधार पर राज्य की अन्य चीनी मिलों की चीनी रिकवरी प्रतिशतता बढ़ाने बारे आवश्यक कदम उठाए जाएं.
बैठक में उन्होंने बताया कि पिराई सीजन 2020-21 के दौरान राज्य की तीन सहकारी चीनी मिलों नामत: पलवल, महम तथा कैथल में चीनी के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता के गुड़ का उत्पादन भी ट्रायल के तौर पर किया जाएगा, जिसके परिणाम दिसंबर महीने के अंत तक आ जाएंगे. इसके बाद मिले परिणामों के आधार पर अन्य सहकारी चीनी मिलों में भी गुड़ उत्पादन का कार्य आरम्भ किया जा सकेगा.
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कृषि मंत्री ने बताया कि 'चौड़ी पंक्तियों में गन्ने की बिजाई' तथा 'चौड़ी पंक्तियों में बिजाई के बीच सह-फसलें' विधियों से गन्ने की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा खाद, बीज, दवाइयां आदि के लिए किसानों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में अनुदान राशि भेजी जा रही है. ताकि गन्ने की खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा दिया जा सके तथा किसानों की आय में वृद्धि की जा सके. इस उद्देश्य के लिए सरकार द्वारा 13 गन्ना कटाई मशीनें किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराई जाएंगी.