चंडीगढ़ःहरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य इस बात को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है कि किसान एक उत्पादक के साथ-साथ उद्यमी भी बने. इस दिशा में सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर योजनाएं भी बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जब किसान और खेती उद्योग के रूप में आगे बढेंगी तो बड़े स्तर पर गांव और गांव के पास ही रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों से जुड़ी जितनी भी समस्याएं और सुधार हैं और छोटे किसानों को केन्द्र बिन्दू मानकर कृषि के सशक्तिकरण के साथ जोड़ा जा रहा है. किसानों की आढ़तियों पर निर्भरता कम करने के लिए नई-नई योजनाएं लाई जा रही हैं. इस बार गेहूं व सरसों की रबी फसलों की खरीद प्रक्रिया में नई व्यवस्था की गई और पहली बार किसानों के खाते में फसल बिक्री का भुगतान किया गया.
किसानों के लिए 3900 करोड़ आवंटित
हालांकि पहले किसानों का ये भुगतान आढ़ती के माध्यम से होता था और किसान को पता नहीं होता था कि उसका कितना पैसा आया है. ऐसे में केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है और इसके तहत हरियाणा के लिए 3900 करोड़ रुपये आंवटित किये गए हैं. प्रदेश में इसके अनुरूप छोटे वेयरहाउस व एग्रो बेस्ड इन्डस्ट्री की योजनाएं बनाई जा रही हैं.