चंडीगढ़:हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा सरकार राज्य के सभी किसानों की सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध करवाने और प्रदेश में सरकारी मंडियों का और विस्तार करने के लिए कटिबद्ध है. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि दस सितंबर को होने वाली किसान रैली को वापस ले लिया जाएगा.
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन अध्यादेशों के आने से किसी भी स्थिति में सरकारी मंडियां बंद नहीं होंगी और एमएसपी जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि मंडियों के बाहर खरीद-फरोख्त होने से मंडियों का अपना व्यापार कम न हो, इसके लिए नीतियां बनाएं. प्रदेश में करोड़ों रुपये की लागत से मंडियों का बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है. 4 हजार करोड़ रुपये की लागत से गन्नौर में एशिया की सबसे बड़ी मंडी, पिंजौर में सेब मंडी और गुरुग्राम में फूलों की मंडी बनाई जा रही है.
हर साल बढ़ाई जा रही खरीद केंद्रों की संख्या: जेपी दलाल
गेहूं की खरीद के लिए मंडियों और खरीद केन्द्रों की संख्या 477 से बढ़ाकर 2,000 की गई है. वहीं सरसों के लिए खरीद केन्द्रों की संख्या 64 से बढ़ाकर 248 की गई है. खरीद केन्द्रों में 75 लाख 98 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई. इसी प्रकार, 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई. सरसों के लिए किसानों के खातों में सीधे ही 3 हजार 303 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है.
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 58 मंडियों में बाजरे की खरीद की गई थी. वहीं इस वर्ष इन्हें बढ़ाकर 108 कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 197 मंडियों में धान की खरीद की गई थी, लेकिन इस कोरोना संकट के समय में इस वर्ष 25 सितंबर, 2020 से आरंभ होने वाली धान की खरीद के लिए 197 मंडियों के अलावा लगभग 200 मंडियां राइस मिलों में खोली जाएंगी.