चंडीगढ़:सोनीपत एडवोकेट प्रणय दीप सिंह ने आरोप लगाया है, कि सोनीपत की चार खनन कंपनियां सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये का घोटाला कर रही हैं. इन कंपनियों के उपर खनन करने की सरकारी फीस ना भरने का आरोप लगाते हुए प्रणय दीप सिंह ने कहा कि योधा माइन्स एवं मिनरल, अल्टीमेट ग्रुप, जैलकोवा बिल्डकोन और आनन्द सिंह एंड कंपनी पर सरकारी फीस का करीब 300 करोड़ से उपर का बकाया है.
क्या है आरोप?: प्रणय दीप सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार हरियाणा की कुछ माइनिंग कंपनियों को पूर्व निर्धारित फीस के ऊपर छूट दी गई थी, जोकि अंदाजन कुल राशि का 65-75 प्रतिशत था. इन खनन कंपनियों ने पुरानी फीस भी जमा नहीं करवाई थी. हाईकोर्ट के आदेशानुसार इन कंपनियों को यह छूट केवल इस शर्त पर मिली थी कि वह एक मौजूदा किस्त जमा कराएंगे और एक किस्त पुराने देय बकाया पैसों की होगी.
HC के आदेश की अवहेलना का आरोप: उन्होंने कहा कि आनन्द सिंह एंड कंपनी का मूल बकाया 30 नवम्बर 2022 तक रुपये 77.26 करोड़ था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनका यह बकाया केवल 22.12 करोड़ रह गया. लेकिन इसके बावजूद इस कंपनी ने केवल 1.80 करोड़ रुपये जमा करवाये और 20.32 करोड़ रुपये जमा नहीं करवाये. यह डिफॉल्ट हाईकोर्ट के उस आदेश की सरासर अवहेलना की गई थी. जिसके तहत इन कंपनियों को कंडीशन छूट दी गई थी. इन कंपनियों ने आज तक भी यह पैसा जमा नहीं करवाया है.
करोड़ों की राशि के गबन करने का आरोप:प्रणय दीप ने कहा कि इसी प्रकार योधा माइन्स एवं मिनरल कंपनी का पुराने हिसाब से बकाया 88.29 करोड़ रुपये था और आधिकारिक छूट के बाद यह पैसा 23.80 करोड़ रह गया. इस कंपनी ने केवल 75 लाख रुपये ही जमा करवाया और 23.05 करोड़ का गबन किया. मैसर्ज अल्टीमेट ग्रुप का पुराने हिसाब से बकाया 39.26 करोड़ रुपये था और आधिकारिक छूट के बाद यह पैसा 15.26 करोड़ रुपये रह गया. इस कंपनी ने केवल 1.76 करोड़ रुपये ही जमा करवाये और 13.5 करोड़ रुपये का गबन किया.
'पैसा ना भरने पर भी चल रही कंपनियां': उन्होंने कहा कि खनन विभाग सोनीपत की ओर से कई बार इन कंपनियों को बकाया पैसा जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किया गया और हर बार पैसा जमा करवाने के लिए 10 दिन की समय सीमा दी गई. इस नोटिस में लिखा था कि यदि नोटिस मिलने के 10 दिनों में पैसा नहीं जमा करवाया गया. तो इन कंपनियों का टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा. लेकिन, ना तो आज तक तीन कंपनियों ने पैसा जमा करवाया और ना ही इन कंपनियों का टेंडर निरस्त हुआ.