चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ किया कि वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण में देरी के चलते अतिरिक्त फीस नहीं वसूली जा सकती. हाई कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन को मद्रास हाई कोर्ट खारिज कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस आदेश पर अभी तक रोक नहीं लगाई है.
मामला कुरुक्षेत्र में ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने वाले वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण से इनकार करने से जुड़ा है. याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट की वैधता 26 दिसंबर 2018 को समाप्त हो गई थी. इसके नवीनीकरण के लिए आवेदन किया और 24 जनवरी 2019 को इसके लिए पहुंचा.
शिकायतकर्ता से कहा गया कि 2 जुलाई 2019 को आए. जब वो दी गई तिथि को पहुंचा तो उसे बताया गया कि फिटनेस सर्टिफिकेट की वैधता समाप्त होने से नवीनीकरण की तिथि 1 दिन के ₹50 के हिसाब से अतिरिक्त फीस का भुगतान करना होगा. इसके लिए सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 81 का हवाला दिया गया.
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हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि मद्रास हाई कोर्ट में इस संशोधन को चुनौती दी थी और खंडपीठ ने इसे खारिज कर दिया था. ऐसे में वर्तमान में ये संशोधन अस्तित्व में ही नहीं है. इसके खिलाफ अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई है. हाई कोर्ट ने याचिका मंजूर करते हुए याची के वाहन के 1 महीने के भीतर नवीनीकरण करने का आदेश कर दिया.