चंडीगढ़:इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को हरियाणा विधानसभा की सदस्यता की शपथ ली. अभय चौटाला ट्रै्क्टर चलाते हुए शपथ लेने के लिए हरियाणा विधानसभा पहुंंचे थे. हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने उनको विधायक के तौर पर शपथ ग्रहण करवाई. अभय चौटाला ऐलनाबाद सीट के उपचुनाव में विजयी हुए थे. ये सीट अभय चौटाला के इस्तीफा देने से ही खाली हुई थी. अभय चौटाला ने किसानों का समर्थन करते हुए विधायक पद से इस्तीफा दिया था जिसके बाद ऐलनाबाद में उपचुनाव हुए और फिर से अभय चौटाला ही विधायक बनें.
विधानसभा की सदस्यता की शपथ लेने के लिए अभय चौटाला अपने घर से (Abhay Chautala Reached Assembly on tractor) ट्रैक्टर पर निकले. हालांकि उन्हें विधानसभा के बाहर पुलिस ने रोक दिया. दरअसल अभय के पास ट्रैक्टर पर जाने की परमिशन नहीं थी. इसके बाद करीब 25 मिनट तक पुलिस और इनेलो कार्यकर्ताओं के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत होती रही. करीब 20 से 25 मिनट बाद अभय चौटाला को विधानसभा ट्रैक्टर पर जाने की अनुमति मिली.
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विधानसभा की सदस्यता की शपथ लेने के बाद अभय चौटाला ने कहा कि वे सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसान जत्थेदार कहेंगे कि फिर से इस्तीफा दो, तो मैं फिर इस्तीफा दे दूंगा. अभय चौटाला ने दुष्यंत चौटाला के बार-बार इस्तीफा देने के उनके बयान कहा कि मैं ऐसे लोगों के सवालों के जवाब नहीं दूंगा. उन्होंने कहा कि पहले दुष्यंत चौटाला उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दें.
ट्रैक्टर से विधायक पद की शपथ लेने पहुंचे अभय चौटाला अभय चौटाला ने आगे कहा कि ऐलनाबाद चुनाव में सरकार ने सभी सीमाएं लांग दी थी. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष संस्था माना जाता है, लेकिन इलेक्शन कमीशन भी आम व्यक्ति की तरह बात कर रहा था. उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि उनकी ओर से 15 शिकायतें सबूतों के साथ इलेक्शन कमिशन को दी गई थी, लेकिन इलेक्शन कमीशन ने किसी का जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने चुनाव को जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया. सरकारी मशीनरी का ऐसा दुरपयोग था जैसे कश्मीर में चुनाव हो रहा हो.
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वहीं रोहतक से बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा के बयान को लेकर अभय चौटाला ने कहा कि अगर नेता ऐसी भाषा बोलते है और सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती तो इसका मतलब सरकार का संरक्षण है. अभय चौटाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने रामचंद्र जांगड़ा, अरविंद शर्मा और मनीष ग्रोवर को अलग-अलग भेजकर प्रदेश का माहौल खराब करने का प्रयास किया गया. चार में से एक व्यक्ति ने खुद माना की हमें लिखकर दिया गया था.
अभय चौटाला ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री दो बार उपचुनाव हार चुके हैं. नैतिकता है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. अभय चौटाला ने कहा कि अजय चौटाला ने पहले कहा था कि अगर 2019 के चुनाव में जोर लगाते तो जीत हो जाती मगर इस बार अजय, दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय और नैना, चारों लोग ऐलनाबाद में लोगों के दरवाजों पर दस्तक दे रहे थे. गोपाल कांडा की बजाय इन्होंने ज्यादा जोर लगाया. बावजूद इसके मुझे लोगों ने चुनाव में विजयी बनाया.
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