चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के पहले चरण की कार्यवाही के दौरान अभय चौटाला और दुष्यंत चौटाला के बीच तीखी बहस हुई थी. जिसकी वजह से अभय चौटाला को सदन से दो दिन के लिए निष्कासित कर दिया गया था. इसको लेकर अभय चौटाला ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अभय चौटाला की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को नोटिस जारी किया था.
इसी मामले को लेकर संसदीय कार्यमंत्री कंवरपाल गुर्जर ने सदन में एक प्रस्ताव रखा. जिसमें उन्होंने कहा कि 21 फरवरी 2023 को बजट सत्र की कार्यवाही में अभय सिंह चौटाला ने सदन का अनादर किया और चेयर का अपमाम किया. जिसके बाद अभय चौटाला को दो दिन के लिए निष्कासित किया था. इस मामले में अभय चौटाला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की. जिस पर हाई कोर्ट ने विधानसभा को नोटिस जारी किया था.
कंवरपाल गुर्जर ने सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के नोटिस का जवाब नहीं दिया जाए, चूंकि ये संविधान के अनुच्छेद 12 के खिलाफ है. स्पीकर ने कहा कि कोर्ट में नोटिस का जवाब नहीं दिया जाना चाहिए. इसके लिए प्रस्ताव पेश किया है. स्पीकर ने कहा कि इस तरह कोर्ट का नोटिस विधानमंडल की आंतरिक कार्यवाही के खिलाफ है. इस मामले में विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया और कहा कि कोर्ट के इस नोटिस को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
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हालांकि इस मामले को लेकर इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक अभय चौटाला ने सदन से वॉकआउट किया. बता दें कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 21 फरवरी को इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक अभय चौटाला ने उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर हिसार एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित की गई जमीन को लेकर तीखे प्रहार किए थे. इस दौरान उनकी विधानसभा अध्यक्ष के साथ भी तीखी नोकझोंक हुई थी. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अभय चौटाला को 2 दिन के लिए नेम कर दिया था. इस मामले में अभय चौटाला ने हाई कोर्ट का रुख किया था और इसी को लेकर विधानसभा स्पीकर को नोटिस जारी हुआ.