तिरंगा यात्रा पर ईटीवी भारत से बात करते हरियाणा AAP अध्यक्ष सुशील गुप्ता. चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव का शंखनाद करते हुए आम आदमी पार्टी 8 जून से तिरंगा यात्रा की शुरुआत करने जा रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जींद जिले से इस तिरंगा यात्रा का आगाज करेंगे. आप के इस चुनावी शक्ति प्रदर्शन में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल होंगे. आम आदमी पार्टी हरियाणा के अध्यक्ष सुशील गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा, प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष अशोक तंवर और प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता करके इस यात्रा के बारे में जानकारी दी.
ईटीवी भारत से बात करते हुए हरियाणा आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा कि जींद से शुरू हो रही इस तिरंगा यात्रा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि जींद संघर्ष की धरती है, इसीलिए वो हरियाणा के लिए संघर्ष की शुरुआत जींद से कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव 2024 का ये आगाज है. सुशील गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में सरकार बनाकर बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध और नशे का पिंडदान करेगी.
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कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज पर उन्होंने कहा कि ये बहुत ही दुखद घटना है. किसान आंदोलन के समय 700 से अधिक किसानों की मौत हुई थी लेकिन आज तक भारतीय जनता पार्टी ने शोक प्रस्ताव भी पास नहीं किया. देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि वे जल्द एमएसपी का कानून संसद में लाएंगे. आज तक उसको लेकर एक शब्द भी वो बोल नहीं पाए. सुशील गुप्ता ने कहा कि किसानों ने तो सूरजमुखी की एमएसपी मांगी थी. इस विषय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को किसानों को बुलाकर बातचीत करनी चाहिए थी. लाठी और वाटर कैनन इसका कोई समाधान नहीं है.
पहलवानों के मुद्दे पर बात करते हुए सुशील गुप्ता ने कहा कि जिस तरीके से देश और प्रदेश में बेटियों के साथ यौनाचार किया जा रहा है, उससे साबित होता है कि बीजेपी सरकार बेटियों के साथ नहीं है. बीजेपी झूठा नारा लगाती हैं बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का. हरियाणा में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन करने से सुशील गुप्ता ने इनकार किया. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हरियाणा चुनाव में एकला चलेगी.
हरियाणा केजरीवाल का गृह राज्य- अरविंद केजरीवाल मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. उनका पैतृक गांव सिवनी भिवानी जिले में पड़ता है. लेकिन अभी तक वो खुद हरियाणा में इतना सक्रिय कभी नजर नहीं आये. पार्टी ने 2019 में विधानसभा चुनाव जरूर लड़ा लेकिन राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल गृह राज्य होने के बावजूद चुनाव में एक्टिव नहीं दिखे. केजरीवाल ने 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रचार भी नहीं किया था. लेकिन इस बार पार्टी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है. पिछले साल हुए आदमपुर उपचुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा था और केजरीवाल समेत मनीष सिसोदिया ने भी प्रचार किया.
जेजेपी के साथ AAP का गठबंधन - हरियाणा में आम आदमी अपनी मजबूत जमीन नहीं बना पाई. विधानसभा चुनाव से पहले 2019 लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन किया था. इस चुनाव में जेजेपी ने 7 और आम आदमी पार्टी ने 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा. रिटायर्ड डीजीपी पृथ्वी राज सिंह को अंबाला, कृष्ण कुमार अग्रवाल को करनाल और तीसरे प्रत्याशी नवीन जयहिंद को पार्टी ने फरीदाबाद लोकसभा सीट से टिकट दिया. लेकिन लोकसभा चुनाव में आप उम्मीदवारों को 2 फीसदी से भी कम वोट हासिल हो पाया.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में AAP का प्रदर्शन. हरियाणा में आप का वोट प्रतिशत- हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 से पहले जेजेपी और आम आदमी पार्टी का गठबंधन टूट गया. इस चुनाव में आप ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया और 90 में से 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन कोई भी कैंडिडेट अपनी जमानत तक नहीं बचा पाया. हरियाणा में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर नोटा से भी कम था. AAP को हरियाणा में 0.48 प्रतिशत मत हासिल हुआ जबकि 0.53 प्रतिशत लोगों ने नोटा दबाया था. पूरे चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल प्रचार तक करने नहीं आये.
निकाय चुनाव में खुला खाता- जून 2022 में 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिका के लिए हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार अपनी हाजिरी दर्ज की. इस चुनाव में पार्टी बहुत बड़ा करिश्मा नहीं कर पाई लेकिन कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद नगरपालिका के चेयरमैन पद पर कब्जा करते हुए अपना खाता खोलने में कामयाब रही. आम आमदी पार्टी की उम्मीदवार निशा इस सीट पर विजयी रहीं. इसके अलावा घरौंडा, पिहोवा, कुंडली और भिवानी में आप के उम्मीदवारों ने बीजेपी कैंडिडेट को कड़ी टक्कर दी. करीब 17 सीटों पर आप के उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहे.
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में मिली संजीवनी- इससे पहले आम आदमी पार्टी को संजीवनी उस समय मिली जब 2021 के चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस जैसे दिग्गज दलों को पछाड़ते हुए सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर लीं. 35 सीटों वाले चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आप सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और कुल 14 पार्षद जीतने में कामयाब रही. इस चुनाव में बीजेपी को 12 और कांग्रेस को 8 सीटें ही मिल पाई.
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