चंडीगढ़:चंडीगढ़ में मेयर को लेकर हुए चुनाव में बड़ा उलटफेर करते हुए बीजेपी ने तीनों पदों पर कब्जा कर लिया (BJP win chandigarh mayor election) है. भाजपा की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की मेयर बन गई हैं. निकाय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली आम आदमी पार्टी एक वोट खारिज होने से चुनाव हार गई. आप ने मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है. अब आप इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी रही है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के पास क्या-क्या कानूनी रास्ते हैं. इसको लेकर हमने हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट बलतेज सिंह सिद्धू से बात की.
बलतेज सिंह सिद्धू का कहना है कि आम आदमी पार्टी के पास इस मामले में कानूनी तौर पर दो रास्ते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी चुनाव को इलेक्शन पिटीशन डालकर ही चुनौती दिया जा सकता है. अगर बहुत ज्यादा गड़बड़ी हुई हो तो हाईकोर्ट भी रिट पिटीशन को एक्सेप्ट कर लेती है. जैसा कि इस मामले में हुआ है तो इस तरह के केस में इलेक्शन पिटीशन ही फाइल करनी पड़ेगी. इस पिटीशन को सुनने की पावर चंडीगढ़ में जिलाधिकारी को है. अगर कानून के हिसाब से आम आदमी पार्टी इलेक्शन पिटीशन लगाएगी तो वह जिलाधिकारी के पास दाखिल करेगी.
आम आदमी पार्टी इस मामले में हाईकोर्ट में भी गुहार लगा सकती है. इसके बाद कोर्ट इस मामले से जुड़े दस्तावेजों को मांगेगी. कोर्ट इन दस्तावेजों से यह पता लगाएगी कि वोट को कैसे खारिज किया गया है. अगर आम आदमी पार्टी हाईकोर्ट में भी आती है तो भी उन्हें इस मामले में सबसे पहले इलेक्शन पिटीशन ही फाइल करनी पड़ेगी क्योंकि हाइकोर्ट सीधे इस केस को अटेंड नहीं करेगी. अगर आम आदमी पार्टी इस केस में इलेक्शन पिटीशन फाइल करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाती है तो कोर्ट पिटीशन को एक्सेप्ट कर लेगी. इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर को बुलाया जाएगा फिर प्रोसिडिंग ऑफिसर को बुलाया जाएगा. जहां इस मामले से जुड़े रिकॉर्ड को भी देखा जाएगा. जब इस मामले में सभी पक्षों को कोर्ट सुनेगा उसके बाद ही कोई फैसला आएगा.
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