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हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुआ 68.30 प्रतिशत मतदान, जानें क्या कह रहे हैं सियासी समीकरण - हरियाणा में मतदान

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटें जीतकर पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई. कांग्रेस को 15 और इनेलो को 19 सीटें मिलीं. लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग नजर आ रही हैं.

Haryana assembly election 2019

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Published : Oct 21, 2019, 7:32 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 10:38 AM IST

चंडीगढ़: साल 2014 में हरियाणा में 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी. जिसमें मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और ऐतिहासिक 76 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. इस बार हरियाणा में 68.30 फीसदी मतदान हुआ है. इसके साथ ही प्रदेश की जनता ने 1169 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है. अब इंतजार बस 24 अक्टूबर का है. राजनीतिक पंडितों के मुताबिक सूबे की ज्यादातर सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर देखी जा रही है.

कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर!
वहीं जेजेपी भी 8 से 10 सीटों पर टक्कर में नजर आ रही है. जनता ने अपना फैसला कर दिया है. अब 24 अक्टूबर को साफ हो जाएगा कि जनता ने किसे अपना सिरमौर चुना है. बता दें कि बीजेपी ने हरियाणा में पहली बार अपने दम पर 1991 में विधानसभा चुनाव लड़ा था. तब बीजेपी को 90 में से सिर्फ़ 2 सीटें मिल पाईं थीं और 70 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. उसके बाद आए कई चुनावों में बीजेपी गठबंधन के भरोसे ही राज्य में बनी रही.

फ्रंट फुट पर नजर आ रही है बीजेपी!
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 सीटें जीतकर पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई. कांग्रेस को 15 और इनेलो को 19 सीटें मिलीं. लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग नजर आ रही हैं. कभी तीसरे मोर्चे पर रहने वाली बीजेपी अब सूबे में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने अपने दम पर सभी 10 सीटें हासिल कर लीं और अपने 58% वोटों के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी जीत की उम्मीदें खड़ी कर दी हैं.

कलह बना कांग्रेस का विलेन!
कांग्रेस ने अपने सभी बड़े नेताओं को चुनाव में उतारा था जिनमें से ज्यादातर नेता सीएम पद के उम्मीदवार भी माने जाते हैं लेकिन कोई भी उम्मीदवार कांग्रेस के लिए सीट नहीं जीत पाया. बीजेपी ने 2009 विधानसभा से लगातार अपने वोट शेयर में बड़ा इजाफा किया है. 2009 में बीजेपी के पास महज 9 फीसदी वोट थे और सिर्फ 4 सीटें मिली थी.

ये है सियासी गणित
लेकिन 2014 में 47 सीटें मिली और वोट शेयर 34.7 फीसदी हो गया जो कि 2014 लोकसभा चुनावों के वोट शेयर के आस-पास ही था. वहीं कांग्रेस ने 2009 विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीती थी और वोट शेयर लगभग 36 फीसदी था. लेकिन 2014 में सिर्फ 15 सीटें मिली और वोट शेयर 21 फीसदी पर आ गिरा जो कि लोकसभा चुनावों के वोट शेयर के आस-पास ही था.

लेकिन इस बार 2019 लोकसभा चुनावों में बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के वोट शेयर में भी इज़ाफ़ा हुआ है जिसका एक फैक्टर इनेलो के वोटों का बंट जाना भी हो सकता है. बीजेपी ने 58 फीसदी वोट हासिल किए हैं और कांग्रेस ने 28 फीसदी. लगभग 30 फीसदी वोटों के अंतर को पाटना कांग्रेस के लिए बहुत मुश्किल होगा.

Last Updated : Oct 22, 2019, 10:38 AM IST

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