चंडीगढ़:सियासत के सबसे प्रचलित मुहावरे 'आया राम, गया राम' का जनक हरियाणा को यूं ही नहीं कहा जाता है. हरियाणा के ही एक विधायक 'गया राम' के दलबदल के कारनामे की वजह से ही आज ये मुहावरा इतना प्रचलित है. अगर बात करें हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 की तो इस बार भी सूबे में 'आया राम, गया राम' काफी देखने को मिला. यहीं वजह रही की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने कुल 15 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया जो दूसरी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए.
बीजेपी ने 15 दल बदलुओं को दिया टिकट
सबसे पहले बात करते हैं बीजेपी की तो बता दें कि इस बार बीजेपी की तरफ से ऐसे 15 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है, जो दूसरी पार्टी छोड़ बीजेपी के पाले में आए थे. बता दें कि जिन 15 बाहरियों को बीजेपी ने टिकट दिया है उनमें से 11 इनेलो, 3 कांग्रेस और 1 शिरोमणी अकाली दल से दलबदल कर पार्टी में आए हैं.
इनेलो से आए 11 नेताओं को बीजेपी का टिकट मिला
दलबदल की शुरूआत लोकसभा चुनाव 2019 के बाद हुई. जब बीजेपी ने हरियाणा में सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की. इस क्लीन स्वीप के बाद दूसरी पार्टियों के नेता बीजेपी की तरफ आकर्षित हुए. जिसका नतीजा ये हुआ कि जुलाना से इनेलो विधायक परमिंदर ढुल और नूंह से जाकिर हुसैन ने जाकर कमल पकड़ लिया. इसके बाद आया राम गया राम का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि इनेलो के 9 और बड़े नेतओं ने बीजेपी ज्वाइन की.
इनेलो से आए नेताओं को बीजेपी ने कहां से टिकट दिया ?
- परमिंदर ढुल को जुलाना से
- जाकिर हुसैन को नूंह से
- राजीव बराड़ को मुलाना से
- लीला राम गुर्जर को कैथल से
- काम कुमार कश्यप को इंद्री से
- राम चंद्र कंबोज को रनिया से
- रणबीर गंगवा को नलवा से
- सतीश नांदल को गढ़ी सांपला किलोई से
- नसीब अहम को फिरोजपुर झिरका से
- नागेंद्र बढ़ाना को फरीदाबाद एनआईटी से
- जगदीश नायर को होडल से
कांग्रेस से बीजेपी में नेताओं को टिकट
- विनोद भयाना को हांसी से
- दुड़ा राम को फतेहाबाद से
- बचन सिंह आर्या को सफीदों से