जब-जब हरियाणा के इतिहास की बात की जाती है तब-तब तीन लाल ऐसे है जिनका जिक्र होता है. भजनलाल, देवीलाल और बंसीलाल. ये वो तीन नाम हैं या यूं कहें ये वो तीन सबसे बड़े सियासी घराने हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा बार हरियाणा की सत्ता का स्वाद चखा है. करीब 36 साल तक ये तीन लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
हरियाणा के तीन सबसे बड़े सियासी घराने 53 साल पुरानी राजनीति और तीन लाल
बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल ये वो तीन नाम है जो हरियाणा की राजनीति में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. प्रदेश की राजनीति में लाल घरानों यानी की बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल का अहम रोल रहा. साल 2000 तक तो हरियाणा की राजनीति इन्हीं के इर्द गिर्द घूमती रही. राजनीति में प्रतिद्वंदता के बावजूद इन्होंने कभी भी एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने का साहस नहीं दिखाया, लेकिन 2004 में तीनों के बेटे एक दूसरे के सामने आकर खड़े हो गए.
जब पहली बार टकराए थे लालों के लाल
2004 में अजय चौटाला और कुलदी बिश्नोई ने सुरेंद्र सिंह को उन्ही के गढ़ में ललकारा था 2004 में हुए भिवानी उपचुनाव में तीनों के बेटे एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी दंगल में उतरे. भिवानी को बंसीलाल का गढ़ माना जाता है. उस वक्त बंसीलाल हरियाणा विकास पार्टी में थे. 2004 के चुनाव में साहस दिखाने का काम किया देवीलाल के पोते अजय सिंह चौटाला और भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने, जिन्होंने भिवानी में आकर सुरेंद्र सिंह को उसके ही घर में ललकारा. इस उपचुनाव में कुलदीप का गृह क्षेत्र आदमपुर भिवानी संसदीय क्षेत्र का ही हिस्सा था और आदमपुर से मिली लीड की वजह से वो ये उपचुनाव जीत गए. इस उपचुनाव में अजय चौटाला दूसरे और सुरेंद्र सिंह तीसरे नंबर पर रहे थे.
इस बार मैदान में है 3 लाल परिवारों के 5 दिग्गज इस बार 3 नहीं 5 लाल हैं मैदान में
एक बार फिर तीनों घरानों के युवा अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों से चुनावी मैदान में हैं. अगर बात चौ. देवीलाल चौटाला के परिवार की करें तो देवीलाल के तीन परपौत्र अलग-अलग लोकसभा सीटों से मैदान में हैं. अजय चौटाला के दोनों बेटे दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला हिसार और सोनीपत से चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला कुरुक्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं.
हिसार से दुष्यंत चौटाला के खिलाफ भव्य बिश्नोई मैदान में हैं. बता दें कि भव्य बिश्नोई कुदपीप बिश्नोई के बेटे और भजनलाल के पोते हैं. दूसरी तरफ बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ से ताल ठोक रही हैं.