चंडीगढ़: हरियाणा के किसान इस समय पराली की समस्या से जूझ रहे हैं. पराली को लेकर किसान असमंजस में रहते हैं कि पराली का क्या किया जाए. इसलिए किसान पराली को जलाना सबसे आसान विकल्प मानते हैं, लेकिन अब सरकार ने पराली की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
एथेनॉल प्लांट को मिली मंजूरी
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हरियाणा के पानीपत में पेट्रोलियम ईंधन के लिए बायोमास एथेनॉल का संयंत्र लगाने के लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को अपनी मंजूरी दे दी है.
प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर दी जानकारी
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को ये जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण हितैषी ईंधन के रूप में एथेनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने इस परियोजना को मंजूरी दी है.
प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीटर पर लिखा, 'ये जानकारी देते हुए खुशी है कि आईओसीएल को पानीपत में नए 2जी एथेनॉल संयंत्र स्थापित करने की पर्यावरण मंजूरी मिल गई है. इस परियोजना से न सिर्फ पर्यावरण हितैषी ईंधन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी'.
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आईओसीएल ने मांगी थी पर्यावरणीय मंजूरी
आपको बता दें कि आईओसीएल (IOCL) ने हरियाणा के पानीपत जिले के बहोली में अपने प्रस्तावित 100 किलोलीटर लिग्नो-सेलुलोसिक 2 जी एथेनॉल प्लांट के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की मांग की थी. इसमें बायोमास आधारित ईंधन के रूप में एथेनॉल के उत्पादन के लिए धान और अन्य कृषि उत्पादों की पराली का इस्तेमाल किया जाएगा. संयंत्र में 100 किलोलीटर एथेनॉल के उत्पादन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रतिदिन 473 टन पराली की आवश्यकता होगी.
किसानों को प्लांट से होगा आर्थिक फायदा, कम होगा वायू प्रदूषण
इस समय हरियाणा के किसान पराली की समस्या को लेकर परेशान हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि एथेनॉल प्लांट का लगना किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा. इस प्लांट से दो बड़े फायदे होंगे, एक तो किसानों की पराली को आईओसीएल खरीदेगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी वहीं दूसरी ओर किसान पराली जलाने से बचेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा-पंजाब को लगाई फटकार
गौरतलब है कि एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिव पेश हुए. जहां सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को फटकार लगाई और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को गैर बासमती चावल फसलों के अवशेषों के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि देने का आदेश दिया.
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