चंडीगढ़:हरियाणा और पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ अपनी खूबसूरती और हरियाली के लिए देश भर में जानी जाती है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि चंडीगढ़ में करीब 24 हजार पेड़ सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं. इसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि खुद चंडीगढ़ प्रशासन है. प्रशासन की लापरवाही से पेड़ पनप नहीं पा रहे हैं.
विशेषज्ञ से बात करती ईटीवी भारत की टीम पेड़ों को नहीं मिल रहा हवा-पानी
इस पर ईटीवी भारत की टीम ने बागवानी विशेषज्ञ राहुल महाजन से बात की. राहुल महाजन का कहना है कि प्रशासन ने सड़कों के किनारे लगे इन पेड़ों के चारों ओर कंक्रीट के ब्लॉक लगवा दिए हैं, जिससे इन पेड़ों को पर्याप्त हवा और पानी नहीं मिल पा रहा है. पेड़ कमजोर होते जा रहे हैं. कुछ पेड़ पूरी तरह से सूख भी गए हैं.
प्रशासन ने नहीं की सुनावाई
साथ ही उन्होंने बताया कि इस पर प्रशासन से उन्होंने बात की लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. पेड़ों के आस-पास पर्याप्त जगह भी नहीं छोड़ी है, जिससे पेड़ सूखने शुरू हो गए हैं.
चंडीगढ़ में हैं करीब 4 लाख पेड़
सर्वे के मुताबिक चंडीगढ़ नगर निगम के पास 1 लाख 61 हजार पेड़ हैं. इनमें से 21 हजार करीब पेड़ों की देखरेख की जिम्मेदारी चंडीगढ़ प्रशासन के पास है. इनमें यूनिवर्सिटी, स्कूल और कॉलेज के अंदर लगे पेड़ों की गिनती नहीं की गई है. अगर इन पेड़ों को भी गिन लिया जाए तो चंडीगढ़ में करीब 4 लाख पेड़ हैं. जिन पेड़ों की जिम्मेदारी नगर निगम और चंडीगढ़ प्रशासन के पास है उन्हीं पेड़ों को आज खतरा है.