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हरियाणा में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज साल के रूप में मनाया जाएगा 2023

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज साल यानि मिलेट्स इयर (International Year of Millet in Haryana) के रूप में घोषित किया है. इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए हरियाणा में मोटे अनाज (मिलेट) की पौष्टिकता के महत्व बारे में लोगों को जागरुक किया जायेगा और किसानों को प्रशिक्षिण किया जाएगा.

International Year of Millet in Haryana
हरियाणा में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज साल

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Published : Dec 22, 2022, 4:56 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा केकृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स इयर (International Year of Millet in Haryana) मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है. इसी दिशा में प्रदेश एक कदम आगे बढ़कर कार्य करेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा में मुख्य रूप से बाजरा फसल को ही मोटे अनाज के रूप में उगाया जाता है. ये मोटे अनाज गेहूं और चावल की तुलना में कम कार्बन अपशिष्ट के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करता है.

जेपी दलाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 को जन आन्दोलन बनाने को लेकर व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा और इन फसलों की पौष्टिक महता को जन-जन तक पहुंचाया जायेगा. इसके लिए कृषि विभाग में 2023 के लिए विशेष रूप से कार्यशालाओं, मेले व प्रशिक्षण शिविरों के लिए विशेष योजना तैयार की जाएगी. ताकि इन फसलों को पी.डी.एस, मिड डे मील व अन्य राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आम लोगों की खाद्य आदतों में शामिल किया जा सके.

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इस अवसर पर डॉ खादर अली (मिलेट मैन ऑफ इंडिया) ने कहा कि मोटे अनाज (मिलेट्स) की पौष्टिकता के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी है. पोषक-अनाज से काफी बीमारियां खत्म हो जाती हैं. उन्होंने बताया कि यह अनाज शरीर को पोषण देने और ठीक करने की क्षमता के लिए पहचाने जाते हैं. बड़ी मात्रा में फाइबर, खनिज और प्रोटीन से युक्त, ये अनाज पोषण का एक पावर हाउस हैं. जो प्रचलित जीवनशैली रोगों का इलाज और प्रबंधन कर सकता है, जैसे कि मधुमेह, रक्त शर्करा, उच्च रक्तचाप, हाइपरथायरायडिज्म आदि. उन्होंने कह कि भोजन में कोदरा, कंगनी, कुटकी, स्वंक, हरी कंगनी, ज्वार, बाजरा, रागी और चीना आदि का प्रयोग करना चाहिए. स्वस्थ भोजन बीमारियों को कंट्रोल करता है.

भारत सरकार का कृषि मंत्रालय मोटे अनाज को लेकर जागरुकता बढ़ा रहा है. इसी को देखते हुए संसद परिसर में मिलेट पार्टी का आयोजन भी किया गया था. इस पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए. संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भी साल 2023 को अंतरराष्‍ट्रीय मोटा अनाज साल घोषित करने का प्रस्‍ताव पारित किया है. अगर मिलेट्स की बात करें तो आमतौर पर मोटे अनाज को मिलेट कहा जाता है. इनमें ज्वार, बाजरा, रागी और जौ आदि शामिल हैं. मोट अनाज पौष्टिकात से भरपूर होते हैं और इनकी पैदावार में ज्यादा खर्चा भी नहीं आता.

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