चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र (Haryana assembly budget session) मंगलवार को खत्म हो गया. सत्र के 10 दिन और 50 घंटे में 12 बैठकें हुईं, जिनमें 15 विधेयक पारित किए गए. बजट पर चर्चा के लिए 74 विधायकों की आठ कमेटियां बनाई गईं. वहीं मंगलवार को धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक (Anti Forcible Religion Conversion Bill) सहित कुल कुल 10 विधेयक पारित किए गए. इनमें हरियाणा अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवा विधेयक, 2022, हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण विधेयक, 2022, हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन तथा प्रबंधन) प्राधिकरण(संशोधन) विधेयक, 2022 आदि हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा विधानसभा बजट सत्र का समापन होने के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आज विधानसभा में हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 भी पारित किया गया. इसका उद्देश्य ऐसे मामलों में कमी लाना है जिसमें जबरन या किसी गलत इरादे से धर्म परिवर्तन किया जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में 127 ऐसे मामले दर्ज हुए हैं और कई बार तो लड़की के परिवार वाले ऐसे मामलों को रिपोर्ट ही नहीं करते, जिनकी संख्या अधिक हो सकती है.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 साल पहले लोग अपनी जमीन सरकार को विकासात्मक योजनाओं के लिए दान में या उपहार में दे दिया करते थे. उस समय सब मौखिक रूप से होता था, लिखित में कुछ नहीं होता था. आज उनकी पीढियां कोर्ट में चली जाती हैं और दावा करते हैं कि यह जमीन हमारी है और उस पर बनी सार्वजनिक उपयोगिताओं की संपतियों को खत्म किया जाए. ऐसे मामलों से राहत के लिए ही हम हरियाणा लोक उपयोगिता के परिवर्तन का प्रतिशेध विधेयक, 2022 लेकर आये हैं. NCR में 10 साल पुराने वाहन रोकने के मसले पर ट्रैक्टर को 2025 तक छूट देने, बंदियों की पैरोल का सिस्टम तैयार करने, ट्रीटेड वेस्ट वाटर का इस्तेमाल होने व रेट जल प्राधिकरण द्वारा तय करने का बिल पास किया गया. मंगलवार को पारित किए गए बिल-
हरियाणा अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवा विधेयक, 2022-हरियाणा राज्य में अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवाओं से संबंधित विधि को समेकित करने तथा निर्माण कार्य में अग्नि निवारण व जीवन सुरक्षा उपाय उपलब्ध करवाने से संबंधित मामलों के लिए हरियाणा अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवा विधेयक, 2022 पारित किया गया है. इसमें अग्निशमन मंडलों, दमकल केन्द्रों तथा अन्य क्षेत्रीय संरचनाओं की स्थापना का प्रावधान है. इसके अलावा, अग्निशमन अधिकारी की नियुक्ति, शक्तियों, कर्तव्यों और कार्यों का विवरण है. अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के सदस्यों की भर्ती किस प्रकार की जाए यह भी इस विधेयक में तय किया गया है. यदि इन सेवाओं में वृद्धि करने की जरूरत है तो इसके लिए भी नियम व शर्तें तय की गई हैं. इस विधेयक में प्रभारी अधिकारी की शक्तियों का विवरण दिया गया है.
हरियाणा लोक उपयोगिता परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2022-प्रदेश में लोक-उपयोग के लिए सड़कें, रास्ते, नालियां इत्यादि के लिए कुछ लोगों ने उदारतापूर्वक भूमि प्रदान की थी. इन संस्थापनाओं पर सार्वजनिक धन खर्च किया गया है. उन्होंने लम्बी अवधि तक बिना किसी आपत्ति के जमीन के सार्वजनिक उपयोग की अनुमति दी, लेकिन वर्तमान में भूमि की कीमतें अत्यधिक बढ़ जाने से कुछ व्यक्तियों अथवा संस्थाओं ने यह भूमि वापिस मांगनी शुरू कर दी. यही नहीं भूमि में अपने अधिकारों का दावा करके इन सार्वजनिक उपयोगिता के ढांचे को अस्त-व्यस्त अथवा नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं. इससे सड़क कनैक्टिविटी, जल आपूर्ति में व्यवधान व अन्य प्रशासनिक समस्याएं पैदा हुई हैं, जिससे जनता को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सार्वजनिक हित में इस सम्बन्ध में कानून लाना आवश्यक है. अत: यह विधेयक लाया गया है. इस विधेयक के अनुसार कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था लोक-उपयोगिता में विघ्र डालने, परिर्वतन करने या उसे नष्ट करने का हकदार नहीं होगा और न ही लोक-अधिकार तथा लाभ के लिए कोई दावा करेगा. यह विधेयक उन लोक-उपयोगी संस्थापनाओं, जैसे कि सड़के, रास्ते, नहरें, नालियां आदि पर लागू होगा जो इसे लागू करने की तिथि को 20 वर्ष या उससे अधिक समय से अस्तित्व में हैं.
हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण विधेयक, 2022- लोकतांत्रिक सदस्य नियंत्रण, सदस्य की आर्थिक भागीदारी और स्वायत्त कार्य प्रणाली के सिद्धांतों के आधार पर हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के समावेश और विनियमन के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण अधिनियम, 2018 में संशोधन करने के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण विधेयक, 2022 पारित किया गया है. प्रदेश में हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण अधिनियम, 2018 को नवगठित किया गया है. यह संशोधन इस प्राधिकरण का कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए किया जा रहा है. इसके अनुसार सरकार प्राधिकरण में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति कर सकती है. मुख्य कार्यकारी अधिकारी या तो प्रधान सचिव के रैंक का अधिकारी होगा या फिर कृशि क्षेत्र से कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति होगा. उसे प्राधिकरण के कोष से सरकार द्वारा निर्धारित मासिक वेतन व भत्ते दिए जाएंगे. अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी महानिदेशक या निदेशक के रैंक का जबकि संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरियाणा सिविल सेवा सेवा का अधिकारी होगा.
हरियाणा यांत्रिक यान (पथकर-उद्ग्रहण) संशोधन विधेयक, 2022- हरियाणा यांत्रिक यान (पथकर-उद्ग्रहण) संशोधन विधेयक, 1996 को संशोधित करने के लिए हरियाणा यांत्रिक यान (पथकर-उद्ग्रहण) संशोधन विधेयक, 2022 पारित किया गया. चूंकि, हरियाणा में सीमित संसाधन हैं और राज्य में सड़क नेटवर्क के विकास के लिए निजी वित्त को आकर्षित करने के लिए, टोल की स्थापना एक अच्छा समाधान है. नई परियोजनाओं जैसे एक्सप्रेस-वे, एलिवेटेड हाईवे, बाय-पास, पुल आदि के लिए आवश्यक धन जुटाने के लिए लाभदायक है. टोल टैक्स संग्रहण के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाती हैं और टोल प्लाजा का संचालन उद्यमियों के माध्यम से किया जाता है. उच्चतम निविदा राशि वाले उद्यमी को 18 महीने की अवधि के लिए काम आवंटित किया जाता है जो सरकार के खजाने में हर महीने एक निश्चित राशि जमा करते हैं. यह संशोधन राज्य में टोल टैक्स देने वालों के लिए अच्छे रख-रखाव वाली सड़कें और बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए किया जा रहा है.
हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन तथा प्रबंधन) प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2022- पानी के पुन: उपयोग और पुनरावर्तन सहित राज्य में जल संसाधनों के संरक्षण, विनियमन और प्रबंधन के लिए लागू हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन तथा प्रबंधन) प्राधिकरण अधिनियम, 2020 को और संशोधित करने के लिए हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन तथा प्रबंधन) प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया गया है. इस संशोधन का उद्देश्य राज्य में उपचारित अपशिष्ट जल के उपयोग को विनियमित करना है. इस समय इस पानी के पुन: उपयोग के संबंध में अनेक निर्णय व नियम है. इसलिए यह जरूरत महसूस की गई कि इसके लिए एक ही मैकेनिज्म बनाया जाए. साथ ही, पानी के सभी तरह के उपयोगों के लिए दरें भी निर्धारित करने की जरूरत महसूस की गई. इन्हीं उद्देश्यों से उक्त अधिनियम में यह संशोधन किया जा रहा है.