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10 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों के लिए 'महाग्राम योजना'

इस योजना के अंतर्गत 128 गांव चयनित किए गए हैं जिनमें तीन चरण में मल निकासी तंत्र सुविधा मुहैया करवाई जाएगी. इसके अलावा, गर्मियों में पानी की बढ़ी हुई आवश्यकता के कारण उत्पन्न चुनौती का सामना करने के लिए एक कार्यप्रणाली विकसित की गई है जिसके तहत क्षेत्रीय कार्यालयों को सिंचाई विभाग एवं बिजली विभाग को उचित तालमेल के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.

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Published : Jun 12, 2019, 3:23 PM IST

mahagram yojna of haryana govt for villages

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों के लिए एक नई योजना शुरू की है. राज्य के जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार ने एक पहल करते हुए 10 हजार से अधिक आबादी वाले बड़े गांवों में लोगों का जीवन स्तर सुधारने के मकसद से एक नई योजना ‘महाग्राम योजना’ प्रारंभ की है. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में मल निकासी योजना तंत्र मुहैया करवाया जा रहा है.

पहले चरण में 20 गांवों में काम शुरू
ये जानकारी आज उन्होंने नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में आयोजित जल संरक्षण एवं स्वच्छता पर हुई बैठक में भाग लेने के दौरान दी. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में प्राथमिक तौर पर 20 गांव चयनित किए गए हैं जिनमें कार्य प्रगति पर है तथा द्धितीय व तृतीय चरण के शेष गांव के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने का कार्य प्रगति पर है.

पानी की समस्या को लेकर यहां दें शिकायत
उपभोक्ताओं की पानी से संबंधित समस्याओं के निधान के लिए विभाग द्वारा एक टोल फ्री नंबर 1800-180-5678, सरल पोर्टल, सीएम विन्डो, अटल सेवा केन्द्र, उमंग एप आदि मुहैया करावाये गए हैं जिस पर उपभोक्ता अपनी पेयजल संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं.

सरकार के कई अभियान हैं जारी
उन्होंने बताया कि मई 2017 से विभाग द्वारा पेयजल संरक्षण हेतु एक अभियान शुरू किया गया है जो कि अभी भी क्रियाशील है. इसके अंतर्गत घर-घर जाना, खुले नलके पर टूटी लगाना, निजी जल कनैक्शन की मंजूरी, बेकार कनैक्शन को ठीक करना, पानी के नमूनों को जांचना, ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति की बैठकों आदि का संचालन करना शामिल है.

इस अभियान के परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं और राज्य ने अभी तक 14.96 लाख घरेलू निजी कनैक्शन मंजूर करने में सफलता पाई है जोकि कुल घरों का 52.26 प्रतिशत है तथा 2022 तक 90 प्रतिशत तथा 2030 तक 100 प्रतिशत घरों को निजी घरेलू कनैक्शन मुहैया करना प्रस्तावित है.

सरकार की पेयजल को लेकर योजनाएं

हरियाणा राज्य के दक्षिणी भाग में पीने के पानी की दिक्कत को देखते हुए राज्य में नहरी पानी पर आधारित या रैनी वैलज पर आधारित योजनाएं बनाई गई है, जिनका कार्य करवाया जा रहा है. इसके अलावा 11 प्रमुख प्रयोजनाओं की मंजूरी मिली है जिसके तहत टयूबवैल आधारित योजनाओं को नहर आधारित प्रयोजनाओं में परिवर्तित करना, नलकूप आधारित स्कीमों को रैनीवैल आधारित स्कीमों में बदलने के लिए तथा नहर आधारित जलघरों के लिए कच्चे पानी का प्रबंध करने के लिए बनाई गई है जिससे जिला रिवाड़ी, महेन्द्रगढ़, पलवल, जींद एवं हिसार के 400 गांव तथा 5 ढाणियों को लाभ होगा.

गर्मियों में पानी की कमी को पूरा करने के लिए सरकार तैयार
मूलभूत संरचनाओं के निर्माण तथा संचालन एवं रखरखाव के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 1827.74 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है. वर्ष 2019-20 में केन्द्रीय योजना और राष्ट्रीय ग्रामीण जल आपूर्ति क्रार्यक्रम के लिए 227.00 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिसमें राज्य सरकार का हिस्सा शामिल है.

विभाग ने गर्मियों के महीनों के पानी की समस्या को लेकर अच्छी कार्यप्रणाली विकसित की है. क्षेत्रीय कार्यालयों को सिंचाई विभाग एवं बिजली विभाग को उचित तालमेल के लिए जरुरी निर्देश जारी कर दिये गये हैं. इमरजेंसी में जिला प्रशासन से उचित तालमेल करके, टैंकर्स द्वारा पेयजल की कमी को पूरा करने के लिए मुख्यालय तथा क्षेत्रीय कार्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिये गये हैं.

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