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क्या बीजेपी की नैया पार लगा पायेगा खट्टर सरकार का कामकाज? ये हैं राह के बड़े रोड़े - haryana loksabha election update

भले ही लोकसभा चुनाव अधिकतर राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर लड़े जाते है, लेकिन जब राज्य में भी उसी दल की सरकार हो जिसकी केंद्र में है तो ऐसे में उसके कार्य भी चुनाव में मतदाताओं के रुख के लिए अहम होते हैं.

जनता के बीच सीएम खट्टर (फाइल फोटो)

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Published : Apr 2, 2019, 10:58 AM IST

Updated : Apr 2, 2019, 1:21 PM IST

चंडीगढ़: भले ही लोकसभा चुनाव अधिकतर राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर लड़े जाते है, लेकिन जब राज्य में भी उसी दल की सरकार हो जिसकी केंद्र में है तो ऐसे में उसके कार्य भी चुनाव में मतदाताओं के रुख के लिए अहम होते हैं.

इसलिए इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी शासित राज्यों की साख भी दांव पर है. हरियाणा में साढ़े चार साल से बीजेपी की सरकार सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में चल रही है. प्रदेश सरकार की उपलब्धियां और नाकामियां भी कुछ हद तक लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान मतदाताओं के जेहन में रहेगी. हरियाणा की मनोहर लाल सरकार की बात की जाए तो कई ऐसी उपलब्धियां हैं जो लोकसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा दे सकती है, लेकिन कई नाकामियां भी हैं जो मतदाताओं के रुख पर असर डाल सकती है.

खट्टर सरकार के लिए परेशानियां
हरियाणा की खट्टर सरकार जब 2014 में बनी तो हरियाणा के लोगों ने अपने इतिहास से अलग जातपात के सभी भेदभाव को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी को पूर्ण बहुमत दिया. हरियाणा में पहली बार नॉन जाट मुख्यमंत्री बना. इससे पहले जो मुख्यमंत्री रहे उनमें जाट समुदाय से आने वाले मुख्यमंत्रियों की संख्या अधिक रही है. सीधे तौर पर माना जा सकता है की हरियाणा में जाट समुदाय काफी प्रभाव रखता है.

भ्रष्टाचार के स्पष्ट आरोप नहीं

जाट आरक्षण आंदोलन
वहीं जाट आरक्षण आंदोलन सरकार के लिए परेशानियां खड़ा करने वाला रहा. इस आंदोलन में 8 जिलों में सभी वर्ग और समुदाय के लोगों को आरक्षण आंदोलन से जूझना पड़ा था. आंदोलन के दौरान जहां कई लोगों को अपनी जाने गंवानी पड़ी. वहीं भारी संख्या में आम लोगों को आर्थिक हानि भी झेलनी पड़ी थी. हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन में सरकार पर भाईचारा खराब करने का आरोप विपक्षी पार्टियों ने लगाया जो अभी तक सरकार को झेलना पड़ता है. आरक्षण आंदोलन को काबू करने में सरकार की लेटलतीफी और भारी नुकसान बीजेपी को लोकसभा चुनाव में भारी मुश्किलों में डाल सकता है.

जाटों को आरक्षण का वादा सरकार ने तो पूरा किया, मगर हाई कोर्ट में इसपर मामला लंबित है. जाट समुदाय के कुछ प्रतिशत लोग अभी भी इस मांग को उठाते रहते हैं, इसलिए चुनाव के दौरान ये मुद्दा सरकार को नुकसान में डाल सकता है. आरक्षण आंदोलन में आम लोगों की हानि, आम लोगों को आरक्षण आंदोलन में हुआ नुकसान सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा (फाइल फोटो)

राम रहीम
2014 में खट्टर सरकार जब सत्ता में आई तो माना जाता है कि इसमें राम रहीम के आशीर्वाद ने भी अहम भूमिका निभाई. हरियाणा में सरकारें बनाने में डेरा हमेशा अहम भूमिका निभाता रहा है, लेकिन राम रहीम को सजा के दौरान पंचकूला में हुआ आंदोलन और आगजनी भी सरकार के दामन पर अभी तक उस दाग की तरह है जो पूरी तरह धूल नही पाया है. इस आंदोलन में करीब 30 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.

जलती कारें

राम पाल
राम पाल के हिसार स्तिथ बरवाला में कई दिनों तक रामपाल के समर्थक और पुलिस आमने-सामने रहे. इस दौरान बरवाला में जोरदार हंगामा बरपा रहा. अभी राम पल तो जेल में है,लेकिन राम पाल के समर्थक लोकसभा चुनाव में सरकार को कुछ चोट कर सकते हैं.

राम पाल (फाइल फोटो)

बेरोजगारी एक समस्या
हरियाणा में बेशक सरकार पूरी तरह से निष्पक्ष तौर पर नौकरियां देने की बात करती रही है, मगर हरियाणा में बेरोजारो की संख्या कई लाख है जो सरकार से नौकरियों की आस लगाए बैठे थे. बेरोजगार युवा सरकार से निराश दिखाई देता है, क्योंकि सरकार ने जितनी नौकरियों का वादा घोषणा पत्र में किया था. वो अभी तक पूरा नहीं हुआ. ऐसे में बेरोजगार युवा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चोट पहुंचा सकते हैं.

बेरोजगारी एक समस्या (सांकेतिक फोटो)

नोटबंदी
नोट बंदी का समर्थन बेशक कुछ हद तक सरकार को मिला, मगर इससे भी बेरोजगारों की संख्या काफी ज्यादा प्रभावित हुई.

नोटबंदी के दौरान लाइनों में लगे लोग

छोटे रोजगार
हरियाणा में छोटे रोजगारो को नोटबंदी के बाद काफी नुकसान हुआ. अम्बाला और पानीपत समेत कई क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को काफी नुकसान झेलना पड़ा.

छोटे रोजगार (सांकेतिक फोटो)

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी
हरियाणा के लोगों को उम्मीद थी कि सरकार प्राइवेट स्कूलों की मनमानियों पर नकेल कसेगी, लेकिन प्राइवेट स्कूलों की मनमानियां लगातार जारी हैं. जिसके चलते अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने वाले माता-पिता की प्राइवेट स्कूल जेब काट रहे है. जो परेशानी पैदा कर सकता है.

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी (सांतेकिक फोटो)

कर्मचारियों की नाराजगी
कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगातार सरकार से आमने-सामने रहे. सरकार ने अपने कार्यकाल में एस्मा का जिस तरह से प्रयोग करके आंदोलनों को दबाया उससे कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ा. बिजली, स्वास्थ्य व रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाकर आंदोलन दबाना सरकार को भारी पड़ सकता है.

कर्मचारियों की नाराजगी (फाइल फोटो)

रुट परमिट
रोडवेज कर्मचारियों और सरकार के बिच जिस तरह से 500 रुट परमिटों को लेकर टकराव हुआ वो भी बड़ा मुद्दा है. सरकार पर कर्मचारी लगातार रुट परमिटों में धांधली का आरोप लागाते रहे, मगर सरकार ने आंखें बंद रखी. अब इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं.

पंजाब के समान वेतन मान लंबित
हरियाणा कर्मचारियों को बीजेपी के घोषणा पत्र में किया गया पंजाब के समान वेतन मान देने का वादा अभी भी लंबित है. जिसपर सरकार की अभी तक राय स्पष्ट नजर नहीं आती है. इसको लेकर सरकार का टालमटोल रवैया परेशानी खड़ी कर सकता है. इसके अलावा कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने समेत कई वादे अभी अधर में हैं.

सीएम मनोहर लाल खट्टर

रॉबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील मामला
रॉबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील मामले में लगातार सरकार चुनाव से पहले इस मामले को उठती रही, मगर इस मामले में हुई लेटलतीफी ने सभी का ध्यान खींचा.

एसवाईएल अभी दूर
एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वाहवाही लूटने वाली हरियाणा सरकार एसवाईएल का पानी अभी तक हरियाणा में नहीं ला सकी. दक्षिण हरियाणा की जीवन रेखा कहे जाने वाले एसवाईएल का किसानों को अभी भी इन्तजार है.

एसवाईएल अभी दूर

लगातार बढ़ता हरियाणा पर आर्थिक बोझ
हरियाणा पर कर्जा लगतार बढ़ रहा है जिसको अभी तक सरकार रोकने में नाकामयाब साबित हो रही है.

खाद व गन्ना किसानों का बकाया
गन्ना किसानों को अपने बकाये के लिए काफी लटकना पड़ा. वहीं इस सरकार में खाद की बिक्री की समस्या से भी किसानों को दो चार होना पड़ा.

खाद व गन्ना किसानों का बकाया (सांकेतिक फोटो)

एमओयू कई पर रोजगार नहीं
हरियाणा सरकार की तरफ से प्रवासी सम्मेलन समेत कई ऐसे सम्मेलन बुलाए गए जिसमें जानी मानी कंपनियों ने शिरकत की. बड़े-बड़े उद्योगपतियों को भी न्योता दिया गया. हरियाणा सरकार के अनुसार कई एमओयू किए गए जिसके तहत हरियाणा में बड़ा निवेश आएगा. हालांकि जमीनी स्तर पर इन प्रयासों का कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला.

एमओयू साइन करते सीएम (फाइल फोटो)

ये उपलब्धियां सरकार को देगी मजबूती
अभी तक हरियाणा में रोजगार के नाम पर पिछली सरकार पर दलाली का आरोप लगाने वाली बीजेपी सरकार ने जो भर्तियां की वो काफी हद तक योग्यता के आधार पर की गई. हरियाणा भर में सरकार के इस कदम की सरहाना हो रही है जो बीजेपी के लिए फायदे मंद साबित हो सकता है.

भ्रष्टाचार के स्पष्ट आरोप नहीं
अभी तक सरकार पर कोई ऐसे बड़े भ्रष्टाचार के आरोप नहीं है. जिन्हें विपक्ष लोकसभा चुनावों में भूना सके. ईमानदार सरकार का फायदा बीजेपी को चुनाव में मिल सकता है.

भ्रष्टाचार के स्पष्ट आरोप नहीं

सीएम की बेदाग छवि, सभी जिलों का दौरा
अभी तक मुख्यमंत्री की बेदाग छवि सरकार की बड़ी उपलब्धि है, मुख्यमंत्री ने भी सभी जिलों का दौरा कर सौगातें दी. उससे सरकार के समान विकास का नारा बुलंद हुआ.

डिजिटलाइजेशन
सरकार ने रजिस्ट्रियों समेत कई विभागों में होने वाले दलाली को रोकने के उद्देश्य से ज्यादातर सेवाओं को ऑनलाइन किया. जिससे काफी हद तक आम लोगो को रिश्वत खोरी से निजात मिली.

सीएम विंडो
आम लोगों की शिकयतों के लिए शुरू की गई सीएम विंडो पर लोग सीधी शिकयत देकर निपटान करवाते हैं. शिकायतों को हलके में लेने वाले अधिकारियो पर बड़ी कार्रवाई हुई है. इसके माध्यम से कुछ हद तक लोगों की समस्याएं सुलझी हैं.

सीएम विंडो

महिला थाने
हर जिले में महिला थाने खोलना सरकार की उपलब्धियों में शामिल है. अब महिलाएं अपनी शिकायतें महिला थाने में जाकर दर्ज करवा सकती हैं.

महिला थाना

बिजली के बिलों में राहत
हाल ही में मुख्यमंत्री ने बिजली के बिलों में राहत देकर आम लोगों के लिए राहत दी. साथ ही म्हारा गांव जगमग गांव ऐसी योजनाएं रही जिससे लाइन लॉस कम करते हुए सरकार ने लोगों को ज्यादा बिजली देने का काम किया.

बिजली के बिलों में राहत (सांकेतिक फोटो)

पेंशन
बुजुर्ग, विधवा और विकलांग पेंशन का सरकार ने अपना वादा पूरा किया. हर माह हुई दो सौ रूपये की बढ़ोतरी के बाद अब 2 हजार पेंशन लोगों को मिलने लगी है. पेंशन धारकों के लिए एक हजार से दो हजार करना सरकार की बड़ी उपलब्धि है.

(सांकेतिक फोटो)

ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी बड़ी राहत
सबसे बड़े शिक्षा विभाग में ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर पॉलिसी अध्यपकों के लिए राहत लाई है. पहले अपना काम छोड़कर अध्यापक मंत्रियों और विधायकों के दफ्तरों के चक्कर काटते नजर आते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी बड़ी राहत (सांकेतिक फोटो)

केएमपी की शुरुआत
पिछली सरकार में शुरू हुआ केएमपी अब बनकर तैयार है जो लोगों के लिए राहत है तो वहीं सरकार के लिए भी राहत दे सकता है.

हरियाणा लिंगानुपात में सुधार
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत के बाद इसको हरियाणा में काफी सफलता मिली है. हरियाणा में लिंग अनुपात की दृष्टि से काफी सुधार हुआ है जो सरकार की उपलब्धि कही जा सकती है.

कर्मचारियों के लिए एक्सग्रेशिया नीति
कर्मचारियों के लिए एक्सग्रेशिया नीति की फिर से शुरुआत की. हरियाणा में बंद हो चुकी इस नीति को फिर शुरू करके सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार ने बड़ी राहत दी. इसके तहत कर्मचारी की 48 वर्ष में मृत्यु पर परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाएगी.

फसल खराब होने पर मुआवजा
वहीं किसानों के लिए सरकार की तरफ से 12 हजार रुपए प्रति एकड़ फसल खराब होने पर मुआवजा तय किया जाना भी सरकार की बड़ी उपलब्धि है. जिसके तहत पहले साल में किसानों के फसल खराब होने पर सरकार की तरफ से करीब 11 सौ करोड़ रुपए किसानों को मुआवजे के तौर पर वितरित किया गया था.

फसल खराब होने पर मुआवजा (सांकेतिक फोटो)

भाव भावांतर योजना
भाव भावांतर योजना के तहत किसानों की फसलों की खरीद और सीधे उनके खातों में खरीद का पैसा जमा करना किसानों के लिए बड़ी राहत रही. जिसमें कुछ हद तक किसानों को बिचौलियों से राहत मिली.

भाव भावांतर योजना (सांकेतिक फोटो)

बेरोजगारी भत्ता
वहीं सरकार की तरफ से बेरोजगारी भत्ता बढ़ाया जाना और पढ़े लिखे युवाओं को 100 घंटे काम देना. युवाओं के लिए बड़ी राहत है. हालांकि इसमें कुछ बेरोजगार युवा ही कवर हो सके.

बेरोजगारी भत्ता (सांकेतिक फोटो)

परिवार सम्मान निधि
वहीं मुख्यमंत्री परिवार सम्मान निधि के नाम से शुरू की गई योजना जिसके तहत 5 एकड़ की भूमि पर खेती करने वाले किसान परिवारों और 15 हजार से कम की मासिक आय वाले परिवारों को प्रति वर्ष 6 हजार की आर्थिक सहायता का एलान किया गया था.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की कई योजनाओं को हरियाणा में भी लागू किया गया और उन योजनाओं का लाभ हरियाणा में भी लोगों को मिले ये सरकार की तरफ से सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया, जिसका लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लाभ मिल सकता है.

Last Updated : Apr 2, 2019, 1:21 PM IST

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