भिवानी-महेंद्रगढ़: ये एक ऐसी लोकसभा सीट है जहां से 2 महिलाएं मैदान में है. इस सीट पर ये पहली बार है जब भिवानी-महेंद्रगढ़ में दो महिलाएं चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने यहां से किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया है तो जेजेपी ने अमेरिका से पढ़ाई करके लौटी स्वाति यादव को टिकट दिया है. हालांकि ये सीट 2008 के परिसीमन के बाद वजूद में आई थी. उससे पहले पुरानी भिवानी सीट थी जो 1977 में बनी थी और उस सीट का इतिहास ये है कि यहां सबसे पहले चुनाव में एक महिला उम्मीदवार चंद्रावती ने दिग्गज नेता बंसीलाल को हराया था. चंद्रावती उस वक्त जनता पार्टी का हिस्सा थीं और बंसीलाल कांग्रेसी थे.
क्लिक कर जानिये श्रुति चौधरी ने क्या कहा भिवानी-दादरी VS महेंद्रगढ़ जिला है चुनाव !
भिवानी-महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़ रहे धर्मवीर सिंह भिवानी-दादरी से आते हैं और यहीं से आती हैं श्रुति चौधरी. वहीं जेजेपी उम्मीदवार स्वाति यादव, एलएसपी-बीएसपी उम्मीदवार राव रमेश पायलट और इनेलो उम्मीदवार बलवान सिंह यादव महेंद्रगढ़ से आते हैं. ऐसे में अब इस सीट का चुनाव भिवानी-दादरी जिला बनाम महेंद्रगढ़ जिला हो चला है.अब तक हुए दो चुनावों में इस सीट पर भिवानी-दादरी के ही उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. 2009 में यहां से श्रुति चौधरी जीती थीं तो 2014 में धर्मवीर सिंह ने जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार जेजेपी, इनेलो और एलएसपी-बीएसपी गठबंधन ने अहीर वोट पर दांव खेला है और तीनों ने ही यादव उम्मीदवार उतारा है जो महेंद्रगढ़ से ताल्लुक रखते हैं. क्योंकि महेंद्रगढ़ में अहीरवाल समुदाय ज्यादा है और भिवानी-दादरी में जाटों का दबदबा है. इसलिए यहां चुनाव प्रत्याशियों से ज्यादा जिलों के बीच लड़ा जा रहा है.
क्लिल कर जानिये धर्मवीर सिंह ने क्या कहा जातीय समीकरण बिगाड़ सकते हैं खेल
भिवानी-महेंद्रगढ़ में जातीय समीकरण ही जीत और हार की दिशा तय करेंगे. यहां कुल 15 लाख 88 हजार मतदाता हैं. जिनमें करीब 4 लाख जाट मतदाता हैं. करीब 3 लाख यादव मतदाता हैं. यहां से दो महिला उम्मीदवार मैदान में हैं जिनकी नजर महिलाओं के वोट पर है.