भिवानी: खिलाड़ी देश की धरोहर होते हैं, वह अपने खेल के बूते पर प्रदेश और देश का नाम रोशन करते हैं. ऐसे में सरकार द्वारा उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नौकरी प्रदान कर प्रोत्साहित किया जाता है. वहीं हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में खेल कोटा खत्म करने पर जमकर विवाद खड़ा हो रहा है. जिसके विरोध में लगातार खिलाड़ी आवाज उठा रहे हैं और सड़कों पर आ गए हैं. वहीं भिवानी में युवा कल्याण संगठन के पदाधिकारियों ने नौकरियों में खेल कोटा खत्म किए जाने के विरोध में महामहिम राष्ट्रपति के नाम खून से पत्र (blood letter to President Ramnath Kovind in Bhiwani) लिखा है.
स्थानीय बैंक कॉलोनी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए युवा कल्याण संगठन (youth welfare organization members in Bhiwani) के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश के खिलाड़ी पूरे भारतवर्ष में अपनी प्रतिमा का डंका बजा रहे हैं. ओलंपिक व एशियन खेलों में अनेकों पदक जीत कर प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं. ऐसे में हरियाणा सरकार ने नौकरियों में खेल कोटा खत्म कर खिलाड़ियों के हितों के साथ कुठाराघात किया है. ऐसे में युवा कल्याण संगठन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम पत्र लिखा है. इस पत्र में युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान और सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में महामहीम राष्ट्रपति से अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए हरियाणा सरकार को खेल कोटा बहाल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. साथ ही भिवानी नगरपालिका में करोड़ों रुपए का घोटाला की सीबीआई से जांच करवाने की मांग भी की है.
क्या है मामला-हरियाणा सरकार ने खेल कोटे (Haryana Sports Quota) में मिलने वाली आरक्षण पॉलिसी (Haryana Sports Quota Reservation) में बदलाव करते हुए अफसरों के ग्रुप ए और बी तथा कर्मचारियों के ग्रुप सी की सीधी भर्ती में खेल कोटे का 3 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया है. हालांकि ग्रुप डी का आरक्षण जारी रहेगा. ग्रुप डी में पहले की ही तरह खेल कोटे का दस प्रतिशत आरक्षण मिलता रहेगा. सरकार के इस फैसले से खेल कोटा अब केवल खेल विभाग तक ही सीमित हो गया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के लगभग 81 विभागों और दो दर्जन के लगभग सरकारी उपकरणों में उच्च वर्ग की नौकरियों में अब खिलाड़ियों की भर्ती का रास्ता बंद हो गया है.