भिवानी: जिले में कर्मचारी संगठन ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार एक बाद एक मजदूर विरोधी फैसले लेती जा रही है. केंद्र सरकार सभी सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर रही हैं.
मजदूर विरोधी कानून के खिलाफ सड़क पर उतरे मजदूर संगठन, देखें वीडियो प्रदर्शनकारी मजदूरों ने कहा कि सरकार कोयला, बिजली, रेलवे, प्रतिरक्षा, पेट्रोलियम, बीएसएनएल (दूरसंचार ), स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य सरकारी उपक्रमों को पूंजीपतियों के लिए खोल रही है. उन्होंने कहा कि संघर्षों से प्राप्त किए वैधानिक, जनवादी अधिकार, श्रम कानूनों को सरकार छीनकर श्रमिकों को निहत्थे बना रही है और मालिकों को उनका निर्मम शोषण करने का अधिकार दे रही है.
उन्होंने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. इन आरोपों में मजदूरों का कार्य समय 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करना, अधिकतर श्रम कानूनों को खत्म करना, लगभग सभी श्रम कानूनों को अगले एक हजार दिनों के लिए सस्पेंड करना, मजदूरों की आवाज दबाना और ट्रेड यूनियन अधिकारों को समाप्त करना शामिल है. देश में बढ़ते पेट्रोल डीजल की कीमतों के खिलाफ भी मजदूरों ने अपनी आवाज उठाई.
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इस दौरान एआईयूटीयूसी से जुड़ी तमाम यूनियन जिसमें स्कीम वर्कर, आशा, आंगनवाड़ी, मिड-डे-मील, औद्योगिक श्रमिक, दिहाड़ीदार, असंगठित श्रमिक, निर्माण मजदूर, कच्चे व ठेका के कर्मचारी, मनरेगा श्रमिक अपनी-अपनी समस्याओं के समाधान की मांग पर आंदोलन पर जाएंगे.