भिवानी: नई बस्ती निवासी जेबीटी टीचर, उसकी पत्नी और बेटी की मौत वास्तव में अंगीठी के धुएं से दम घुटने से हुई है या उनकी मौत के पीछे और कोई कारण है. यह हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि टीचर की पत्नी के पिता गांव नांगल निवासी धर्मबीर का कहना है कि उसने पहले कभी अपने दामाद के मकान पर अंगीठी नहीं देखी. इसलिए इनकी मौत का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होने की संभावना है. रोहतक जिले के गांव भैणी चंद्रपाल निवासी जेबीटी अध्यापक जितेंद्र अपनी पत्नी सुशीला व बेटी हिमानी कई सालों से शहर की सब्जी मंडी एरिया की नई बस्ती में रह रहा था. जितेंद्र की ड्यूटी शहर की ग्वार फैक्ट्री के पीछे स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में थी. उनकी पत्नी गृहिणी और बेटी हिमानी शहर के एक निजी स्कूल में 10वीं कक्षा की छात्रा थी.
शुक्रवार सुबह देर तक जब अध्यापक जितेंद्र के मकान का दरवाजा नहीं खुला तो पड़ोसी रमेश कुमार ने उनका दरवाजा थपथपाया. मगर उन्हें मकान के अंदर से किसी तरह का रिस्पॉन्स नहीं मिला. इस पर उन्होंने डायल 112 पर फोन करते हुए बताया कि जितेंद्र के मकान के अंदर उन्हें कुछ ठीक नहीं लग रहा. सूचना मिलने पर पुलिस टीम वहां पहुंची. इसके बाद पुलिस ने मकान के कमरों के दरवाजे थपथपाए. जब पुलिस को भी मकान के अंदर से किसी तरह का रिस्पॉन्स नहीं मिला और कमरे अंदर से बंद मिलने पर पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ा. इसके बाद पुलिस ने कमरे में जाकर देखा तो एक बेड पर जितेंद्र, उसकी पत्नी सुशीला और बेटी हिमानी बेशुध पड़े थे. उस बेड पर जितेंद्र और सुशीला के बीच उनकी बेटी हिमानी सोई हुई मिली. पुलिस ने जब उनकी नब्ज टटोली तो पता चला कि उनकी मौत हो चुकी थी.
इस वारदात की सूचना मिलने पर एसपी अजीत सिंह शेखावत, सीआईए-2 प्रभारी रविंद्र कुमार और औधोगिक थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंच गए. इस दौरान पुलिस अधिकारियों को उनके कमरे में रात को जलाई गई अंगीठी और मकान में अंगीठी में जलाई जाने वाली लकड़ी भी बरामद हुई. इस पर पुलिस ने उनको कब्जे में लेते हुए मृतक अध्यापक के ससुर गांव नांगल निवासी धर्मबीर को मौके पर बुलाया. उनके आने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और उनका सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया.