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नई शिक्षा नीति: 'ये नीति एक साधारण परिवार के बच्चे के हित में नहीं'

भिवानी में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नई शिक्षा नीति का विरोध शुरू हो गया है. ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी के कार्यकर्ताओं ने दिनोद गेट पर इकट्ठे होकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करने की मांग की.

students protest against new education policy in Bhiwani
students protest against new education policy in Bhiwani

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Published : Aug 18, 2020, 5:23 PM IST

भिवानी: हाल ही केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी. इस नीति के तहत शिक्षा में काफी बदलाव किए गए थे. सरकार इसे भारतीय शिक्षा व्यवस्था में एक मील का पत्थर बता रही है, तो वहीं इस नई शिक्षा नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है.

भिवानी में केंद्र सरकार द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरोध में मंगलवार को ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी के आवाहन पर राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया गया. ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी के कार्यकर्ताओं ने दिनोद गेट पर इकट्ठे होकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करने की मांग की.

भिवानी में नई शिक्षा नीति का हुआ विरोध, देखें वीडियो

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रतियों को जलाया. इस विरोध प्रदर्शन में छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया. नई शिक्षा नीति के विरोध में उतरे छात्राओं ने बताया कि ये नीति एक साधारण परिवार के बच्चे के हित में नहीं है, ये प्राइवेट एजुकेशन को बढ़ावा देने वाली नीति है.

नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा पाने का रास्ता नहीं है. नई शिक्षा नीति कॉरपोरेट घरानों के लिए शिक्षा क्षेत्र में निवेश करके लाखों का मौका मुनाफा कूटने का साधन है. उन्होंने आरोप लगाया कि नई शिक्षा नीति सत्ताधारी पार्टी के मातहत शिक्षा को करने का एक जाल है.

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नई शिक्षा नीति में यूजीसी को खत्म करने एआईसीटीई और अन्य संस्थानों की भूमिका को समेटना है. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति में बहु राशि बहु सांस्कृतिक विविधताओं के स्थान पर पूरे देश में एक पाठ्यक्रम और एक प्रवेश परीक्षा का प्रावधान क्षेत्रीय रूप से लागू करना सही नहीं है.

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में सेमेस्टर प्रणाली लागू करने से छात्रों का शिक्षा पर खर्च बढ़ेगा. छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा देना बच्चों को वास्तविक शिक्षा से दूर करना है. उन्होंने जल्द से जल्द नई शिक्षा नीति को वापस लेने की मांग की है.

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