भिवानी: एसडीएम महेश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को उनके कार्यालय में अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण योजना समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक में एसडीएम महेश कुमार ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति से संबंधित अत्याचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाए. ताकि दोषी व्यक्ति किसी भी तरह से बच न सकें.
उन्होंने कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों को मिलने वाली सरकारी सहायता राशि समय पर मिलनी चाहिए. बैठक के दौरान एसडीएम ने अनुसूचित जाति के व्यक्तियों और अत्याचार से संबंधित मामलों में पुलिस कार्रवाई व सरकार द्वारा दी की जाने वाली सहायता राशि के बारे में समीक्षा की. कल्याण विभाग के अधिकारियों ने एसडीएम को बताया कि उनके विभाग के पास अनुसूचित जाति पर अत्याचार से संबंधित सहायता बारे कुल 13 मामले लंबित थे. जिनमें से 11 को सहायता राशि दी जा चुकी है और बाकि दो को बजट आते ही सहायता राशि दे दी जाएगी.
कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उनका विभाग अत्याचार संबंधित सहायता राशि देने के अलावा बीपीएल परिवार से संबंधित अनुसूचित जाति की लड़कियों और विधवा की लड़की की शादी में 51 हजार रुपए की कन्यादान स्वरूप राशि दी जाती है. विधवा औरत की लड़की की शादी में सहायता राशि के लिए परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपए कम होनी चाहिए.
इसी प्रकार से सामान्य जाति से संबंधित बीपीएल परिवार की लड़की की शादी में सरकार द्वारा 11 हजार रुपए की राशि दी की जाती है. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवार के मकान मरम्मत के लिए 50 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है, लेकिन मकान कम से कम दस साल पुराना व मरम्मत के लायक होना जरूरी है. इसके लिए विभाग द्वारा मकान का सर्वे भी किया जाता है. उन्होंने बताया कि अंतरजातीय विवाह में सरकार द्वारा दो लाख 50 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है, लेकिन शादी करने वालों में लड़का या लड़की में से एक अनुसूचित जाति और अपने हरियाणा राज्य से होना जरूरी है.
ये भी पढ़ें: सरकारी बंगला खाली के करने के बाद गुरुग्राम की इस सोसायटी में रहेंगी प्रियंका गांधी