भिवानी: स्कूल कैडर लेक्चरर एसोसिएशन हरियाणा (सलाह) 26 फरवरी को पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले मुख्यमंत्री आवास का घेराव का समर्थन करते हुए इसमें शामिल होगी. प्रदेश अध्यक्ष गुरदीप सिंह सैनी, उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी (Employees Protest in Bhiwani) जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सलाह द्वारा निर्णय लिया गया है कि पेंशन बहाल संघर्ष समिति के आह्वान पर नई पेंशन योजना (एनपीएस) के विरोध व पुरानी पेंशन योजना लागू (old pension scheme in haryana) करवाने की मांग को लेकर 26 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा, उसमें सलाह की तरफ से पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में कर्मचारी भाग लेंगे.
प्रदेश अध्यक्ष गुरदीप सिंह सैनी ने बताया कि प्रदेश में एक जनवरी 2006 के बाद लगे सभी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना के तहत भर्ती किया गया है, जिसमें कर्मचारियों का वेतन का 14 प्रतिशत हिस्सा सरकार द्वारा दिया जाता है. इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है. कर्मचारी के रिटायर होने पर इस राशि के ब्याज के अनुसार कर्मचारी की पेंशन निर्धारित की जाती है, जिसमें अब तक रिटायर हुए कर्मचारियों की पेंशन एक हजार रुपए से लेकर दो हजार रुपए तक बनती है. यह कर्मचारियों के हितों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि इतनी कम पेंशन राशि से कर्मचारी सम्मानजनक तरीके से अपना गुजारा नहीं कर सकता.
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हरियाणा के वर्तमान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में व सार्वजनिक रूप से वायदा किया था कि उनकी सरकार आने पर वह कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे. आज दुष्यंत चौटाला राज्य के उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वह अपने वायदे के अनुसार कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन लागू करने की बात नहीं रख रहे हैं. जिससे प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष है. उन्होंने कहा कि घेराव के माध्यम से प्रदेश के कर्मचारी अपनी मांग मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार सामने रखेंगे और तुरंत प्रभाव से पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग करेंगे.
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इस बारे में राज्य कार्यकारिणी में चर्चा के दौरान भिवानी प्रधान राजबीर धारेडू, देवेंद्र शर्मा ने बताया कि आज देश में कई राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के हित को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू कर रही हैं. राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब व हिमाचल की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना लागू की है. वहीं पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री ने भी सार्वजनिक रूप से पुरानी पेंशन लागू करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं. इसके बावजूद हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना लागू क्यों नहीं की जा रही है. उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि तुरंत प्रभाव से हरियाणा के कर्मचारियों के हितों को देखते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए.