भिवानी: जिले में सर्व कर्मचारी संघ के बैनर के नीचे अनेक कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों की आवाज को लेकर भिवानी के लघु सचिवालय का घेराव किया. इस घेराव में पीटीआई अध्यापक, बिजली बोर्ड के कर्मचारी और आशा वर्कर सहित अनेक संगठनों के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.
इन कर्मचारियों की सरकार से मांग की है कि 1983 पीटीआई अध्यापकों को जल्द बहाल किया जाए. आशा वर्करों की जो लंबित पड़ी मांगे हैं उनको सरकार हल करने का काम करें और भिवानी जिले में बिजली बोर्ड के अंदर जो डीसी रेट पर कर्मचारी लगे हुए हैं, उनका वेतन अन्य जिलों की तर्ज पर बढ़ाया जाए.
सर्व कर्मचारी संघ ने तीन विकल्पों को लेकर किया लघु सचिवालय का घेराव, देखें वीडियो इन तमाम बातों को लेकर सर्व कर्मचारी महासंघ के बैनर के साथ अनेक संगठनों के नेताओं ने भिवानी लघु सचिवालय का घेराव किया. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सर्व कर्मचारी संघ के नेता सुखदर्शन सरोहा और कर्मचारी नेता संदीप सिंह ने कहा कि सरकार पीटीआई अध्यापकों को बहाल करने का काम करें. आशा वर्करों की मांगों को पूरा करें और डीसी रेट पर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाने का काम करें.
यदि सरकार इन बातों पर मोहर नहीं लगाती है तो आने वाले समय में सर्व कर्मचारी संघ बड़े आंदोलन को उतारू होगा, जिसका सामना सरकार को करना होगा और जिम्मेदारी भी सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि लगातार पीटीआई अध्यापक, आशा वर्कर और बिजली बोर्ड के कर्मचारी सहित अनेक संगठनों के कर्मचारी सरकार के समक्ष अपनी आवाज उठा रहे हैं कि उनकी मांगों को जल्द हल किया जाए.
ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ में मानसून ने तोड़ा 16 साल का रिकॉर्ड, सर्दी भी ज्यादा पड़ने के आसार
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते सरकार इस प्रकार का बर्ताव रख रही है, ये गलत है. यदि सरकार अपनी हठधर्मिता अपनाएं रखेगी तो सर्व कर्मचारी संघ सरकार को घेरने के लिए अब आगे तैयार रहेगा. इसलिए सरकार समय रहते हुए इन तमाम बातों पर अमल करने का काम करें.
आशा वर्कर ने कहा कि 2018 में सरकार के साथ उनका समझौता हुआ था, लेकिन उसे लागू नही किया गया है. जिसको लेकर उनमें खासा रोष है. उन्होंने कहा कि इसका नोटिफिकेशन भी सरकार ने जारी किया था लेकिन उसमें भी कटौती कर दी गई.