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BSEH के अधिकारियों का कारनामा: बच्चों की फीस से चला रहे थे घर के एसी, RTI से खुला राज़

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Published : Sep 3, 2021, 4:45 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 5:14 PM IST

भिवानी के हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड मुख्यालय कैंपस में बने शिक्षा अधिकारियों के सरकारी आवासों में अलग से कोई बिजली कनेक्शन नहीं हैं. जबकि इन कोठियों के बिजली बिल के भुगतान का बोझ भी बच्चों की फीस से मिल रहे बजट से हो रहा है. इसका खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ है.

RTI से बड़ा खुलासा
RTI से बड़ा खुलासा

भिवानी : करोड़ों रुपयों के गबन (corruption) के आरोपों से घिरे हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (Board of School Education Haryana) का एक और नया कारनामा सामने आया है. स्कूलों में पढ़ाई करने वाल लाखों बच्चों के अभिभावकों की खून पसीने की कमाई से मिलने वाली फीस पर शिक्षा बोर्ड के अधिकारी ठाठ से अपनी रिहायशी कोठियों में बिजली जला रहे हैं.

भिवानी के हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड मुख्यालय कैंपस में बने शिक्षा अधिकारियों के सरकारी आवासों में अलग से कोई बिजली कनेक्शन नहीं हैं. जबकि इन कोठियों के बिजली बिल के भुगतान का बोझ भी बच्चों की फीस से मिल रहे बजट से हो रहा है. यह खुलासा आरटीआई (RTI) में हुआ है.

RTI से बड़ा खुलासा

दरअसल, स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार (Brijpal Singh Parmar) ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड मुख्यालय से 6 अगस्त को जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगी थी. बृजपाल परमार ने बोर्ड परिसर के कार्यालयों और अधिकारियों के आवासों पर लगे एयर कंडिशनर की सूचना मांगी थी और इसके बिजली बिल का भुगतान किस मद में हो रहा है, यह भी पूछा था, बोर्ड मुख्यालय ने आरटीआई के जवाब में बताया कि शिक्षा बोर्ड कार्यालयों में 45 एसी लगे हैं, जबकि बोर्ड अधिकारियों के आवासों पर 16 एसी लगे हैं.

बोर्ड में सात बिजली कनेक्शन भी लिए हुए हैं, अधिकारियों की आवासीय कोठियों के लिए अलग से कोई बिजली मीटर नहीं है, जबकि इन कोठियों में इस्तेमाल होने वाली बिजली बिल का बोझ बच्चों की फीस से मिलने वाले बजट पर डाला जा रहा है, जो नियमों के खिलाफ है.

बृजपाल सिंह परमार (Brijpal Singh Parmar) ने बताया कि बोर्ड से सूचना में यह जानकारी भी मांगी थी कि कब- कब एसी की खरीद की गई, इनके बिलों की प्रमाणित कॉपी के अलावा इनके लगाए जाने की लोकेशन भी मांगी थी, जिसका कोई जवाब नहीं दिया. कार्यालय व आवासीय कोठियों के अंदर एसी लगाने संबंधी हरियाणा सरकार के आदेशों के संबंध में भी चुप्पी साध ली. बिजली के बिल भुगतान की जानकारी भी छिपाई गई है.

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बृजपाल परमार ने बताया कि बोर्ड सचिव, बोर्ड चेयरमैन के अलावा कई अधिकारियों के आवास में खर्च हो रही बिजली का बोझ बच्चों के अभिभावकों पर डाला जा रहा है. बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत गलत तथ्य उपलब्ध कराना दंडनीय अपराध है. ऐसे लोक सेवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 167 के अनुसार एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है. इसमें तीन साल का कारावास और आर्थिक दंड का भी प्रावधान किया हुआ है.

Last Updated : Sep 3, 2021, 5:14 PM IST

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