भिवानी: हरियाणा में 1983 पीटीआई अध्यापकों को सरकारी सेवा से हटाए जाने के को लेकर भिवानी खंड कार्यालय के बाहर धरना दिया गया. पीटीआई अध्यापकों का कहना था कि सरकार ने उन्हें सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है. जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानेगी तब तक वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा सरकार ने उन्हें हटा दिया था. अब वे अपनी नौकरी की बहाली के लिए सड़कों पर उतरे हैं. पूरे प्रदेश में खंड स्तर पर प्रदर्शन किया जा रहा है. सभी पीटीआई अध्यापक सरकार से वापस नौकरी की मांग कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला ?
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.
याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.
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