हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

भिवानीः सरकारी स्कूलों की तरह प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों को भी मिलेगा प्रशिक्षण - भिवानी में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायन्स (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने बताया कि नई-नई तकनीक अपनाकर वो शिक्षा में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए कई संस्थान भी उनका सहयोग कर रहे हैं.

Private school association organized workshop in Bhiwani
Private school association organized workshop in Bhiwani

By

Published : Feb 13, 2020, 5:22 PM IST

भिवानी: जिले की प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्राइवेट स्कूलों के प्राचार्यों के लिए क्वालिटी एजुकेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की. समारोह में देशभर से आए शिक्षा के विशेषज्ञ और शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे. कार्यशाला के पहले सत्र में नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायन्स (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा के सभी को निसा द्वारा क्वालिटी एजुकेशन के दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया.

शिक्षा में सुधार के लिए एक दिवसीय कार्यशाला

कुलभूषण शर्मा ने बताया कि नई-नई तकनीक अपना कर वो शिक्षा में सुधार लाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए कई संस्थान भी उनका सहयोग कर रहे हैं. कुलभूषण ने ये भी बताया कि गुणवत्ता के साथ-साथ संस्कार भी बच्चों में पैदा हो, इसके लिए भी इसे भी साथ मे जोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि बच्चों में स्वच्छता के गुण होंगे तो गंदगी अपने आप ही दूर हो जाएंगी.

भिवानी में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने किया कार्यशाला का आयोजन

'निजी स्कूल के अध्यापकों के सामने तरह-तरह की चुनौतियां'

कुलभूषण ने बताया कि निजी स्कूल के अध्यापकों के सामने तरह-तरह की चुनौतियां होती हैं. उन चुनौतियां पर कैसे वो खरा उतरे, ताकि कोई परेशानी बच्चों के सामने ना आए इसके लिए भी ये कार्यशाला फायदेमंद साबित होगी, तभी कहा जा सकेगा कि हम क्वालिटी एजुकेशन की दिशा में काम कर रहे हैं. आने वाले सालों में ये जरूरत नहीं स्कूलों की मजबूरी होगी, इसलिए हमें आज से ही स्वेच्छा से ऐसा करना शुरू करना चाहिए ताकि बच्चों को हम एक बेहतर भविष्य दे सकें.

कुलभूषण शर्मा ने कहा कि कैसे नई तकनीक और सही दिशा में रीसर्च आधारित छोटे-छोटे प्रयासों से स्कूल में गुणात्मक सुधार किए जा सकते हैं. उन्होंने लीड स्कूलों में उपलब्ध सिलेबस ओर तकनीक के बारे में बताया जिसका लाभ सभी स्कूल संचालक उठा सकते हैं. उन्होंने बताया कि लीड स्कूल ने बहुत माइक्रो लेवल पर प्लानिग करके क्वालिटी एजुकेशन पर काम किया है.

ये भी पढ़ें-34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में छाए श्रीलंकाई हस्त शिल्पी, लोगों को भा रहा नारियल से बना सामान

उन्होंने बताया कि बच्चों में पढऩे की आदत और अधिक हो क्योंकि एक सर्वे से पता चला है कि पढ़ने की आदत बच्चों में काफी कम हुई है. जिसकी वजह से लर्निंग लेवल कम हुआ है. निसा अन-रीडिंग प्रोग्राम के माध्यम से कक्षा अलकेजी से पांचवीं तक के बच्चों में पढऩे के प्रति रुचि पैदा करते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details