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CORONA की जंग से लड़ने के लिए सामने आए निजी अस्पताल, डोनेट किए पांच वेंटिलेटर

भिवानी के चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल को पांच वेंटिलेटर मिले है. ये वेंटिलेटर कोरोना से जंग लड़ने के लिए निजी अस्पतालों की ओर से दिए गए हैं.

Private hospital donates five ventilators to Bhiwani Civil Hospital to fight Corona
Private hospital donates five ventilators to Bhiwani Civil Hospital to fight Corona

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Published : Mar 30, 2020, 8:51 PM IST

भिवानी: शहर के चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल को पांच वेंटिलेटर मिले है. अस्पताल अब वेंटिलेटर के अभाव में रेफर अस्पताल के नाम से नहीं पुकारा जाएगा. क्योंकि यहां दशकों बाद एक साथ पूरे पांच वेंटिलेटर आए हैं.

बता दें कि ये वेंटिलेटर सरकार या स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नहीं बल्कि निजी अस्पतालों की तरफ से दिया गया है. निजी अस्पतालों द्वारा ये डोनेशन कोरोना के कहर से बचने के लिए दिया है. बताया जाता है कि वेंटिलेटर नहीं होने की वजह से लोगों को आपात स्थिति में अधिकतर गंभीर मरीजों को रोहतक पीजीआई में रेफर किया जाता था.

इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के रेफर करने के चलते इसे चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल की बजाय लोग रेफर अस्पताल के नाम से पुकारने लगे थे. कोरोना के कहर के चलते इस अस्पताल में एक भी वेंटिलेटर ना होने लोगों के मन भी डर भी था. ऐसे में निजी अस्पताल आगे आए और उन्होने एक नहीं बल्कि पांच वेंटिलेटर चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में डोनेट किए.

सीएमओ डॉ. जीतेन्द्र कादयान ने बताया कि अंचल नर्सिंग होम ने दो,कदम, आस्था और जेबी गुप्ता अस्पताल ने एक-एक वेंटिलेटर डोनेट किया है. उन्होंने बताया कि अब कोरोना के संदिग्धों के साथ अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों को रेफर करने की बजाय यहीं इलाज किया जाएगा. जिससे मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

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दो वेंटिलेटर डोनेट करने वाले अंचल नर्सिंग होम के संचालक डॉ. विनोद अंचल ने बताया कि कुछ रोज पहले जब कोरोना के संदिग्ध को वेंटिलेटर के अभाव में नागरिक अस्पताल से रेफर किया गया और फिर वहां से दूसरे अस्पताल रेफर किया गया था. ये सब सुनने के बाद उन्होंने अपने अस्पताल के दो वेंटिलेटर नागरिक अस्पताल में देने का मन बनाया. उन्होने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस संकट की घड़ी में वेंटिलेटर के अभाव में किसी की जान ना जाए.

डॉ. अंचल ने कहा कि वेंटिलेटर कृत्रिम सांस देते है, जिसके चलते किसी भी बीमारी के गंभीर मरीज की जान बचाने में सबसे बड़ी मदद मिलती है. जो काम स्वास्थ्य विभाग को करना चाहिए था वो काम निजी अस्पतालों ने किया और वेंटिलेटर की कमी को दूर कर जिले की जनता को एक बड़ी राहत दी है, जो काबिले तारीफ है. कोरोना की लड़ाई में ये निजी अस्पतालों का अहम योगदान है.

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