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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस में बंटवारे के दिनों को किया गया याद, बंटवारे के बाद आए लोगों काे किया गया सम्मानित - जींद से भाजपा विधायक कृष्ण मिड्डा

14 अगस्त को देश का बंटवारा हुआ था और पूर्वी पंजाब पाकिस्तान बन Partition horror memorial day in Bhiwani गया था. बटवारे के कारण पूर्वी पंजाब से लाखों हिंदुओं व सिखों को घर कारोबार छोड़ कर पश्चिमी पंजाब, व प्रदेश के अन्य हिस्सों में बसना पड़ा था. उन दर्दनाक दिनों की याद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया और पूर्वी पंजाब से आए लोगों को सम्मानित किया गया.

Partition horror memorial day in Bhiwani
देश के बटवारे के बाद आए लोगों काे किया गया सम्मानित

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Published : Aug 14, 2022, 1:34 PM IST

भिवानी: 15 अगस्त को देशवासी 75 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाऐंगे लेकिन स्वतंत्रता के साथ (Partition horror memorial day in Bhiwani) बंटवारे का दंश भी देश ने झेला था. इसलिए पूर्वी पंजाब से आए लाखों हिंदू व सिख 14 अगस्त का दिन विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं. पंचायत भवन में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के पूर्व संध्या पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में हांसी से भाजपा विधायक विनोद भ्याना, जींद से भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण मिड्डा व महेंद्रगढ़ लोकसभा से सांसद धर्मबीर सिंह पहुंचे. कार्यक्रम में पहुंचे अथितियों ने विभाजन के समय पूर्वी पंजाब से आए 101 हिंदुओं व सिखों को सम्मानित किया गया.

पंजाबी कौम सच्ची देश भक्त -इस मौके पर विधायक विनोद भ्याना ने कहा कि विभाजन का दंश सबसे बड़ा दंश था. इस दंश में धर्म के (Partition horror REMEMBRANCE day) प्रति आस्था रखने वाले लाखों लोगों को अपनी कुर्बानी देनी पड़ी थी. भ्याना ने कहा कि वे बुजुर्ग हमारी विरासत है जिन्होंने अपनी आंखों से उस दंश को देखा था. उन्होंने पंजाबी कौम को सच्चे देश भक्त की संज्ञा देते हुए कहा कि हिन्दू व हिंदुत्व की रक्षा के लिए उन्होंने अपना सबकुछ छोड़ दिया और बंटवारे के समय भारत की मिट्टी से ही लगाव रखा. इस दौरान नेताओ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद किया कि उन्होंने हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया ताकि नोजवान पीढ़ी को उस समय हुए विभाजन के बारे में जानकारी मिल सके.

भिवानी में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस आयोजित
विभाजन के समय हुए अत्याचार- कार्यक्रम में वशिष्ठ अतिथि के तौर पर पहुंचे विधायक कृष्ण मिड्डा ने कहा की बुजुर्ग बताते हैं कि उस समय हिन्दुस्तनियों पर लगतार अत्याचार किये जा रहे थे और उनके सर कलम किये जा रहे थे. महिलाओं के साथ बलात्कर करने का प्रयास किया जा रहा था जिसके कारण कई लोगों ने तो अपनी ही बेटियों ओर महिलाओं को स्वयं ही गला घोंट कर मार दिया या फिर कट्टर मुस्लिमों से बचने के लिए उनके सर को कलम कर दिया था. ऐसे दंश को झेल कर वे लोग भारत की भूमि पर आए थे और आने के बाद भी किसी के आगे हाथ नही फैलाये बल्कि अपनी मेहनत और हिम्मत से फिर से खड़े हुए.
धर्म के लिए सब छोड़ो लेकिन धर्म नही छोड़ा-धर्मबीर

धर्म के लिए सब छोड़ो लेकिन धर्म नहीं छोड़ा-सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि ऐसे लोगो का सम्मान करना चाहिए जिन्होंने धर्म के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया लेकिन धर्म को नही छोड़ा. उन्होंने कहा कि वे चाहते तो वही धर्म बदल कर रह सकते थे लेकिन धर्म नही बदला अपना सब कुछ छोड़ दिया.

शरणार्थी शब्द पर आपत्ति-विधायक कृष्ण मिड्डा ने भारत आए उन लोगों को शरणार्थी कहने पर आपत्ति जताआ है. उन्होंने कहा कि वो शरणार्थी नही भारतवासी हैं और उनके लिए शरणार्थी शब्द का प्रयोग न हो इसके लिए उन्होंने विधानसभा में आवाज भी उठाई थी. कार्यक्रम के आयोजक गोपाल कृष्ण पोपली ने कहा कि सरकार शरणार्थी शब्द पर कड़ा कानून बनाये और शरणार्थी नही पुरुषार्थी कहा जाए.


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